दही के बाद अब CRPF भर्ती परीक्षा पर बवाल, तमिल भाषा में पेपर नहीं कराने पर स्टालिन ने अमित शाह को लिखी चिट्ठी

author-image
Jitendra Shrivastava
एडिट
New Update
दही के बाद अब CRPF भर्ती परीक्षा पर बवाल, तमिल भाषा में पेपर नहीं कराने पर स्टालिन ने अमित शाह को लिखी चिट्ठी

NEW DELHI. तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन हिंदी भाषा को लेकर लगातार केंद्र सरकार पर हमलावर हैं। स्टालिन का आरोप है कि केंद्र तमिलनाडु की जनता पर हिंदी भाषा थोप रहा है। पहले उन्होंने दही के पाउच पर दही लिखने को लेकर FSSAI पर निशाना साधा था और अब अर्द्धसैनिक बलों की भर्ती परीक्षा का माध्यम तमिल नहीं होने पर गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है। 



यह संवैधानिक अधिकारों का हनन हैः स्टालिन



सीएम स्टालिन ने सीआरपीएफ में भर्ती के लिए डिजिटली परीक्षा में तमिल को शामिल नहीं करने पर विरोध जताया। गृह मंत्री को लिखे पत्र में उन्होंने इस कदम को तमिलनाडु की जनता के साथ घोर भेदभाव बताया। इस पत्र में स्टालिन ने कहा कि परीक्षा में केवल अंग्रेजी और हिंदी को अनिवार्य करना एकतरफा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का ये फैसला तमिलनाडु के उम्मीदवार को परीक्षा देने से रोकता है और इससे उनके संवैधानिक अधिकारों का हनन होता है। अपने पत्र में उन्होंने कहा कि परीक्षा अंग्रेजी और हिंदी में लिखी जा सकती है, जिससे तमिलनाडु के अभ्यर्थी अपने "मूल राज्य" में अपनी मातृभाषा में परीक्षा देने में असमर्थ हैं।



तमिलनाडु से होनी हैं 579 भर्ती 



रविवार को तमिलनाडु सरकार की एक विज्ञप्ति के अनुसार, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) में 9,212 रिक्तियों में से 579 को तमिलनाडु से भरा जाना है, जिसके लिए परीक्षा 12 केंद्रों पर आयोजित की जानी है। इसके अलावा 100 में 25 अंक हिंदी में बुनियादी समझ के लिए रखे गए हैं, जिसका फायदा हिंदी भाषी उम्मीदवारों को मिलेगा।  



यह खबर भी पढ़ें






स्टालिन ने आदेश को बताया भेदभावपूर्ण 



गृह मंत्री को लिखे पत्र में स्टालिन ने कहा, "सरल शब्दों में कहें तो सीआरपीएफ की यह अधिसूचना तमिलनाडु से आवेदन करने वालों के हितों के खिलाफ है। यह न केवल एकतरफा है बल्कि भेदभावपूर्ण भी है। स्टालिन ने कहा कि यह अभ्यर्थियों को सरकारी नौकरी लेने से रोकने जैसा होगा। सीएम ने प्रतियोगी परीक्षा में तमिल सहित क्षेत्रीय भाषाओं को अनुमति देकर गैर-हिंदी भाषी उम्मीदवारों को परीक्षा देने में सक्षम बनाने के लिए अमित शाह के तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है।  



दही के नाम पर खट्टी हुई थी साउथ की पॉलिटिक्स 



इससे पहले दक्षिण भारत की राजनीति दही के नाम पर खट्टी हुई थी। दरअसल देश में फूड सेफ्टी पर नजर रखने वाली संस्था FSSAI के आदेश ने भाषा विवाद को हवा दे दी थी। FSSAI ने दक्षिण भारत में दही बनाने वाली सहकारी संस्थाओं को कहा था कि वे दही के पैकेट पर दही ही लिखें। इस आदेश पर एमके स्टालिन बिफर गए थे और उन्होंने इसे दक्षिण भारत पर हिंदी थोपना करार दिया था। हालांकि, जब विवाद बढ़ा तो FSSAI ने अपना आदेश वापस ले लिया था।


Tamil Nadu Chief Minister Stalin ruckus on CRPF recruitment exam get paper done in Tamil language Stalin's letter to Amit Shah तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन CRPF भर्ती परीक्षा पर बवाल तमिल भाषा में पेपर कराएं स्टालिन की अमित शाह को चिट्ठी