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सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ( General Upendra Dwivedi ) ने अग्निवीर योजना में कुछ जरूरी बदलाव के संकेत दिए हैं। अग्निवीर योजना की सफलता और उसमें हो रहे सुधारों पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि फीडबैक के अनुसार यह योजना एक मजबूत मॉडल बन रही है। अब इसमें कुछ सुधार किए जाने पर विचार किया जा रहा है। जिससे अग्निवीरों की सुविधाओं को और बेहतर बनाया जा सकता है।
2026 तक होगा योजना का आकलन
जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि इस योजना को लेकर अलग-अलग राय हो सकती हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर मिल रहे फीडबैक से यह स्पष्ट है कि यह सफल हो रही है। उम्र सीमा बढ़ाने और स्थायी भर्ती के सवालों पर उन्होंने कहा कि योजना का आकलन 2026 तक किया जाएगा, तब कोई ठोस निर्णय लिया जाएगा।
अग्निवीरों की क्षमताओं पर जोर
अग्निवीर योजना सेना के लिए एक बेहतरीन पहल है। अग्निवीर तीन से चार साल में सेना की जरूरतों के अनुसार खुद को ढाल सकते हैं। सेना प्रमुख ने यह भी बताया कि योजना को और प्रभावी बनाने के लिए कई सुधार किए जा रहे हैं। जिससे सेना और अग्निवीर दोनों को फायदा होगा।
अब आगे क्या प्लानिंग
जनरल उपेंद्र द्विवेदी से जब अग्निवीर योजना भर्ती (Agniveer Bharti) में उम्र सीमा 21 से बढ़ाकर 23 करने और 50% अग्निवीरों को स्थायी बनाए रखने पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि यह अभी विचाराधीन है। दिसंबर 2026 तक योजना का पूरा आकलन होगा, उसके बाद ही कोई ठोस निर्णय लिया जाएगा।
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अग्निवीर योजना की खास बातें
- योजना के तहत भर्ती होने वाले युवाओं को कुल 4 साल की सेवा देनी होती है। जिसमें 6 महीने की ट्रेनिंग शामिल है।
- योजना के तहत तीनों सेनाओं सेना, नौसेना, वायुसेना में भर्ती के अवसर होते हैं।
- 25% को स्थायी नियुक्ति मिलती है और 75% को 4 साल बाद रिटायरमेंट मिलता है।
- ₹48 लाख बीमा नॉन कंट्रीब्यूटरी जीवन बीमा कवर मिलता है।
टेक्नोलॉजी को साथ लेकर चलेंगे अग्निवीर
Creative Destruction की अवधारणा का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जो सैनिक 10-20 साल से एक ही काम कर रहे हैं, उनके लिए नई स्किल्स सीखना मुश्किल होता है। वहीं, अग्निवीर कम समय में नई तकनीकों को अपनाने में ज्यादा सक्षम होते हैं। इसीलिए यह योजना भारतीय सेना के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकती है।
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भारत-चीन सीमा पर हालात सामान्य
सेना प्रमुख ने इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में यह सारी बातें कहीं। इस दौरान उन्होंने चीन पर बोलते हुए कहा कि पूर्वी लद्दाख के देपसांग और डेमचोक में 2020 की झड़प के बाद हालात अब सामान्य हैं। सेना प्रमुख ने बताया कि दोनों देशों की सेनाएं जब भी जरूरत पड़ती है, बातचीत के जरिए समाधान निकालती हैं। इससे सीमा पर शांति और स्थिरता बनी हुई है।
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पाकिस्तान पर सेना प्रमुख का सख्त रुख
जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि वह आतंकवाद रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है। इस वजह से भारतीय सेना को सतर्क रहना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर में पहले आतंकवाद का खतरा था, लेकिन अब टूरिज्म तेजी से बढ़ रहा है। सेना ने कई सफल अभियानों के जरिए आतंकियों का सफाया किया।