गढ़चिरौली के स्कूल में लगी AI मशीन, खाने की क्वालिटी के साथ क्वांटिटी का भी रखेगी ध्यान, दूर होगा कुपोषण

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Neha Thakur
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गढ़चिरौली के स्कूल में लगी AI मशीन, खाने की क्वालिटी के साथ क्वांटिटी का भी रखेगी ध्यान, दूर होगा कुपोषण

MUMBAI. भारत में कुपोषण की समस्या, विशेष रूप से छोटे बच्चों को होती है। वहीं यह देश का सबसे गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ मुद्दों में से एक है। यह बच्चों की मृत्यु के लिए भी जिम्मेदार है और बच्चों में रोग का भी एक प्रमुख कारण है। इसी परेशानी से निपटने के लिए महाराष्ट्र के गढ़चिरौली के एटापल्ली के टोडसा आश्रम स्कूल में एक मशीन लगाई गई है। ये मशीन खाने की थाली की तस्वीर लेती है साथ ही छात्र की भी तस्वीर लेती है। कुछ सेंकड का समय लेकर मशीन ये बता देती है कि खाने की क्वीलिटी अच्छी है या नहीं। महाराष्ट्र सरकार ने इस कदम को कुपोषण को खत्म करने के लिए उठाया है।



मशीन को AI मिला नाम



देश टेक्नोलॉजी के मामले में दिन पर दिन एक नया मुकाम छू रहा है। इसका एक उदाहरण महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में देखने को मिली है। यहां एक स्कूल में एक मशीन जिसे आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस कहा जा रहा है। यह मशीन संबंधित छात्रा का वजन, खाने में प्रोटीन की मात्रा, छात्रा को आवश्यक प्रोटीन की मात्रा आदि की जानकारी दे रही है। मशीन के काम और उसके रिजल्ट के कारण उसे AI नाम दिया गया है। इस मशीन का उद्देश्य पोषण स्तर में सुधार करना है।




— ANI (@ANI) April 23, 2023



देश के 2.6 फीसदी बच्चे कुपोषित



महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने राज्यसभा में बताया कि मिशन पोषण 2.0 के पोषण ट्रैकर के तहत फरवरी 2023 में मापे गए लगभग 5.6 करोड़ बच्चों में से 2.6 प्रतिशत गंभीर रूप से कुपोषित हैं। कुपोषित बच्चों का प्रतिशत 7.7 पाया गया, जो संख्या में लगभग 43 लाख होता है। महाराष्ट्र सरकार ने इस कदम को कुपोषण को खत्म करने के लिए उठाया है। अधिकारियों ने बताया कि आदिवासी इलाकों में राज्य सरकार की ओर से चलाए जा रहे स्कूलों में पढ़ाई के अलावा पौष्टिक खाने पर भी खास ध्यान दिया जा रहा है।



क्वालिटी के साथ क्वांटिटी पर भी ध्यान



अधिकारियों ने बताया, आदिवासी विकास परियोजना के तहत चलाए जा रहे इस अभियान में एनजीओ भी मदद कर रहा है। उद्योग यंत्र स्टार्ट-अप की मदद से टोडसा आश्रम स्कूल में इस खाने की क्वालिटी चैक करने की मशीन लगाई गई है। मशीन क्वालिटी के साथ क्वांटिटी पर भी खास ध्यान देती है।



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मशीन ऐसे करती है काम



मशीन का काम करने का तरीका भी अनोखा है। छात्र सबसे पहले मशीन के सामने खड़ा हो जाता है और मशीन पर अपनी खाने की प्लेट रख देता है। मशीन खाने के साथ छात्र की प्लेट की भी तस्वीर खींचती है और चंद सेंकड के अंदर ये अपना नतीजा बता देती है, कि छात्र के हिसाब से खान की क्वालिटी ठीक है या नहीं।

 


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