Attention : बच्चों के 6 कफ सिरप में जानलेवा केमि​कल मिला, पांच माह में  54 कंपनियों के सैंपल फेल

कफ सिरप ट्रिमैक्स एक्सपेक्टोरेंट में 0.118 प्रतिशत ईजी था। कोल्ड आउट में 1.9 प्रतिशत ईजी और 0.14 प्रतिशत डीईजी था। दिल के रोग में काम आने वाले डिजिवर इंजेक्शन में ईजी व डीईजी दोनों की मात्रा अधिक मिली। 

Advertisment
author-image
Sandeep Kumar
एडिट
New Update
Copy of STYLESHEET THESOOTR.jpg
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

देश में कई ऐसी दवाएं बिक रही हैं, जो जान तक ले सकती हैं। सात महीनों में 10 दवाओं की जांच में जानलेवा केमिकल डाई-इथाइलीन ग्लाइकोल (DEG) और इथाइलीन ग्लाइकोल (ईजी) मिला है। ज्यादा चिंताजनक ये है कि इन 10 दवाओं में 6 बच्चों के ​कफ सिरप हैं। सेंट्रल ड्रग स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन ( CDSCO) ने अगस्त 2023 से फरवरी 2024 के बीच की गई जांचों में ये नतीजे निकाले हैं।

भारतीय फार्मा कंपनी जिम्मेदार

ये वहीं घातक केमिकल हैं, जिससे 1-2 साल में गाम्बिया, उज्बेकिस्तान और कैमरून सहित कई देशों में 140 से ज्यादा बच्चों की मौत हो चुकी है। इस केस में भारतीय फार्मा कंपनी के बनाए कफ सिरप को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। जून 2023 से सीडीएससीओ ने निर्यात होने वाले सभी कफ सिरप की लैब टेस्टिंग अनिवार्य कर दी थी। जून से अक्टूबर 2023 तक 5 महीनों में 54 फार्मा कंपनियों के सैंपल फेल हो गए। 

दवा बाजार में कैसे पहुंची?

सामाजिक कार्यकर्ता सुकेश खजुरिया कहते हैं, रॉ-मैटेरियल और फाइनल प्रोडक्ट दोनों की जांच होती है। इसके बिना सिरप बाजार में नहीं उतारे जा सकते। ना सिर्फ कंपनी, ड्रग अथॉरिटी की भी लापरवाही। दवा में खामी पर रिकॉल की प्रक्रिया लंबी है, तब तक कई लोग वह दवा खा चुके होते हैं।

ये हैं वो कफ सिरप

कोफवोन एलएस, ग्वाइफेनेसिन सिरप-100, ग्वाइफेनेसिन, सिलप्रो प्लस और कोल्ड आउट के दो बैच।

कितनी होनी चाहिए थी केमिकल की मात्रा ?

कफ सिरप ट्रिमैक्स एक्सपेक्टोरेंट में 0.118प्रतिशत ईजी था। कोल्ड आउट में 1.9 प्रतिशत ईजी और 0.14 प्रतिशत डीईजी था। दिल के रोग में काम आने वाले डिजिवर इंजेक्शन में ईजी व डीईजी दोनों की मात्रा अधिक मिली। एलर्जी दवा सिलप्रो प्लस सिरप में 0.171प्रतिशत ईजी और 0.243 प्रतिशत डीईजी पाया गया। डब्ल्यूएचओ की गाइडलाइंस के मुताबिक, ईजी या डीईजी की मात्रा 0.10 प्रतिशत से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।

इतने दिनों में दिखता है साइड इफेक्ट

इसका साइड इफेक्ट कितने दिन में दिखता है? और किन लक्षणों से इसे पहचाना जा सकता है? दवा लेने के 3-4 दिनों में असर दिखने लगता है। बच्चों में डायरिया जैसे सामान्य लक्षण दिखते हैं, इसलिए पहचानना मुश्किल होता है।

देश में ऐसे कोई मामले सामने आए हैं क्या?

ताजा मामला फरवरी 2024 का है। हिमाचल के सिरमौर जिले की फार्मा कंपनी सिकक्योर के एंटी कोल्ड सिरप कॉफवोन एलएस में जहरीले केमिकल ईजी की ज्यादा मात्रा मिली थी। दिंसबर 2023 में हिमाचल के ही सोलन जिले की वीवीपीबी फार्मा कंपनी के सिरप जेलकोरिल एलएस सिरप में डीईजी ज्यादा मिला था। इससे पहले जनवरी 2020 में हिमाचल की फार्मा कंपनी डिजिटल विजन फार्मा की कफ सिरप कोल्ड बेस्ट से रामनगर जम्मू के 12 बच्चों की मौत हुई थी। रीजनल ड्रग टेस्टिंग लैब चंडीगढ़ ने अपनी जांच में पाया कि कोल्ड बेस्ट सिरप में डीईजी की मात्रा 35.87 प्र थी।

भारतीय फार्मा कंपनियों पर क्या एक्शन हुआ ?

अक्टूबर 22 से अगस्त 23 तक विश्व स्वास्थ्य संगठन ने डीईजी और ईजी के ज्यादा मात्रा पाए जाने के चलते पांच भारतीय कफ सिरप के खिलाफ अलर्ट जारी किया था। अमेरिकी फूड एंड ड्रग अथॉरिटी ने भारत के कई उत्पादों को अपनी इम्पोर्ट लिस्ट से हटा दिया है।

thesootr links

 सबसे पहले और सबसे बेहतर खबरें पाने के लिए thesootr के व्हाट्सएप चैनल को Follow करना न भूलें। join करने के लिए इसी लाइन पर क्लिक करें

द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

 

विश्व स्वास्थ्य संगठन CDSCO सेंट्रल ड्रग स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन कफ सिरप डीईजी और ईजी कफ सिरप ट्रिमैक्स एक्सपेक्टोरेंट बच्चों के कफ सिरप में केमिकल