चिता पर हलचल के बाद जिंदा हुआ युवक : अस्पताल की लापरवाही या चमत्कार?
झुंझुनूं में अस्पताल द्वारा मृत घोषित युवक रोहिताश चिता पर रखे जाने के दौरान जीवित हो गया। घटना की जांच के आदेश देते हुए तीन डॉक्टरों को निलंबित किया गया है।
झुंझुनूं में चिता पर रखे मृत व्यक्ति के जिंदा होने का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। मृत घोषित रोहिताश (25) को अस्पताल से मोर्च्युरी ले जाया गया और फिर श्मशान घाट। चिता पर शरीर में हलचल होते ही उसे दोबारा अस्पताल ले जाया गया, जहां अब उसकी हालत स्थिर है।
क्या है मामला
झुंझुनूं जिले में गुरुवार को एक चमत्कारिक घटना ने सभी को हैरान कर दिया। 25 वर्षीय रोहिताश, जो अनाथ और मूकबधिर है, को तबीयत बिगड़ने पर झुंझुनूं के बीडीके अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अस्पताल के डॉक्टर्स ने दोपहर 1 बजे उसे मृत घोषित कर दिया। इसके बाद रोहिताश की बॉडी को मोर्च्युरी में डीप फ्रीजर में रखा गया। दो घंटे बाद अंतिम संस्कार के लिए बॉडी को श्मशान घाट ले जाया गया। लेकिन जब चिता पर बॉडी रखी गई, तो अचानक शरीर में हलचल हुई और सांसें चलने लगीं। यह देखकर वहां मौजूद लोग घबरा गए। आनन-फानन में उसे एंबुलेंस से दोबारा अस्पताल ले जाया गया, जहां अब वह आईसीयू में भर्ती है और हालत सामान्य है।
इस घटना पर जिला कलेक्टर रामावतार मीणा ने मामले की जांच के लिए कमेटी गठित की। देर रात तीन डॉक्टरों—डॉ. योगेश जाखड़, डॉ. नवनीत मील, और पीएमओ डॉ. संदीप पचार—को सस्पेंड कर दिया गया। जिला प्रशासन ने मेडिकल डिपार्टमेंट को पूरी जानकारी दी है।
उठते सवाल
डॉक्टरों ने बिना विस्तृत जांच के मरीज को मृत कैसे घोषित किया?
पोस्टमार्टम से पहले परिजनों को क्यों नहीं बुलाया गया?
क्या यह अस्पताल की लापरवाही है या कुदरत का करिश्मा?
FAQ
यह घटना कहां घटी?
यह घटना राजस्थान के झुंझुनूं जिले में घटी।
डॉक्टर्स पर क्या कार्रवाई हुई?
तीन डॉक्टरों को सस्पेंड किया गया है।
अस्पताल ने उसे मृत क्यों घोषित किया?
डॉक्टरों की शुरुआती जांच में उसे मृत घोषित किया गया।
क्या अब रोहिताश की हालत ठीक है?
हां, वह आईसीयू में भर्ती है और उसकी हालत स्थिर है।
रोहिताश कौन है?
रोहिताश एक अनाथ और मूकबधिर युवक है जो मां सेवा संस्थान के आश्रय गृह में रहता था।