BHOPAL. रेडियो की आवाज रहे अमीन सयानी (Ameen Sayani) का हार्ट अटैक से निधन हो गया है (Ameen Sayani Passes Away)। 91 साल की उम्र में अमीन ने मुंबई में अंतिम सांस ली। अमीन के बेटे राजिल सयानी ने उनके निधन की जानकारी शेयर की है (Former Radio Presenter Ameen Sayani Passes Away)।
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91 साल की उम्र में ली अंतिम सांस
जानकारी के मुताबिक अमीन सयानी को मंगलवार (20 फरवरी) को उनके दक्षिण मुम्बई स्थित घर पर शाम 6 बजे हार्ट अटैक आया। हार्ट अटैक आने के बाद उन्हें तत्काल मुम्बई स्थित एच. एन. रिलायंस फाउंडेशन अस्पताल ले जाया गया। लेकिन रास्ते में ही अमीन सयानी का निधन हो गया। जानकारी के मुताबिक अमीन सयानी को हाई ब्लड प्रेशन और उम्र संबंधी अन्य बीमारियां थीं। लगभग 10 सालों से उन्हें पीठ में दिक्कत थी, जिस वजह से वह वॉकर की मदद से चलते थे।
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अमीन सयानी: रेडियो के जादूगर
अमीन सयानी भारत के एक प्रसिद्ध रेडियो प्रसारक, उद्घोषक, और निर्माता थे। उन्हें "रेडियो के जादूगर" के नाम से भी जाना जाता था। उनका जन्म 21 दिसंबर 1932 को मुंबई में हुआ था।
सयानी का करियर:
- सयानी ने 1951 में ऑल इंडिया रेडियो (AIR) में अपना करियर शुरू किया।
- उन्होंने कई लोकप्रिय रेडियो कार्यक्रमों का प्रसारण किया, जिनमें "बिनाका गीतमाला", "मौसम की बातें", और "संगीत के सितारे" शामिल हैं।
- "बिनाका गीतमाला" भारत का सबसे लोकप्रिय रेडियो कार्यक्रम बन गया, जो 1952 से 1994 तक प्रसारित हुआ।
- सयानी ने 54,000 से अधिक रेडियो कार्यक्रमों और 19,000 स्पाट्स या जिंगल्स का निर्माण किया।
सयानी की शैली:
- सयानी अपनी मधुर आवाज और आकर्षक शैली के लिए जाने जाते थे।
- वे अपनी कहानियों और किस्सों के माध्यम से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर देते थे।
- वे हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में धाराप्रवाह थे।
सयानी का प्रभाव:
- सयानी ने भारतीय रेडियो के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- उन्होंने रेडियो को घर-घर तक पहुंचाया और इसे मनोरंजन का एक लोकप्रिय माध्यम बनाया।
- उन्होंने कई युवा प्रतिभाओं को प्रेरित किया और उन्हें रेडियो में करियर बनाने में मदद की।
सयानी के पुरस्कार:
सयानी को उनके योगदान के लिए कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया, जिनमें पद्म श्री (1972), पद्म भूषण (1991), और राजीव गांधी राष्ट्रीय सेवा सम्मान (2001) शामिल हैं।