Amritsar. वारिस पंजाब दे का प्रमुख और खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल बीते 21 दिनों से फरार है। वह पंजाब में ही रहकर वीडियो पर वीडियो अपलोड कर रहा है लेकिन पंजाब पुलिस के 80 हजार जवान तो क्यो एनआईए और इंटेलिजेंस को भी वह चकमा देने में कामयाब रहा है। आम लोग अपने फोन से कोई वीडियो अपलोड करें तो वे आसानी से ट्रेक किए जा सकते हैं लेकिन अमृतपाल वीपीएन के जरिए अपने वीडियो जारी करता है। जिससे उसे ट्रेक करने में काफी परेशानी आ रही है। यही नहीं उसके सारे वीडियो विदेशी आईपी एड्रेस से अपलोड किए गए हैं।
29 मार्च को जारी किया था वीडियो
अमृतपाल ने अपना आखिरी वीडियो 29 मार्च को जारी किया था, जिसमें उसने सरबत खालसा बुलाने का आग्रह अकाल तख्त के जत्थेदार से किया था। इसके बाद 30 मार्च को उसने एक आडियो जारी किया, जिसमें उसने जेल जाने से न घबराने की बात कही थी। अब तक अमृतपाल के 10 से ज्यादा वीडियो और सीसीटीवी फुटेज पुलिस को मिल चुके हैं बावजूद इसके पुलिस उसे गिरफ्तार करने में नाकाम रही है। बड़ी बात यह भी है कि पुलिस ने इन वीडियो को ब्लॉक भी नहीं करवाया है।
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पंजाब समेत 9 राज्यों में चल रही तलाश
ऐसा नहीं है कि अमृतपाल की तलाश केवल पंजाब में चल रही है। पंजाब से लगे हुए 9 राज्यों में उसकी तलाश में पुलिस खाक छान रही है। पुलिस किसी भी कीमत में अमृतपाल को नेपाल के रास्ते फरार होने नहीं देना चाहती। लेकिन उसकी एग्जेक्ट लोकेशन पता लगाना पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है।
एनआईए भी जुटी है केस में
21 मार्च को मामला नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी के पास आया। पंजाब पुलिस ने वीडियो की मदद से अमृतपाल को ट्रैक करने की गुजारिश की, लेकिन एनआईए के हाथ भी इस मामले में अभी खाली हैं। सूत्रों के मुताबिक पंजाब पुलिस की साइबर सेल को पता चला है कि दोनों वीडियो और ऑडियो क्लिप दुबई, कनाडा, ब्रिटेन, अमेरिका, जर्मनी और ऑस्ट्रेलिया के आईपी एड्रेस से अपलोड हुए हैं। पंजाब पुलिस ने इनके आईपी एड्रेस एनआईए को दे दिए हैं।
सवाल यह भी उठ रहा है कि आखिर सुरक्षा एजेंसियों के पास इतने एडवांस सिस्टम और तकनीक होने के बाद भी अब तक अमृतपाल की लोकेशन ट्रेस क्यों नहीं हो पा रही। उधर अकाल तख्त ने दमदमा साहिब में बुलाई विशेष सभा में अमृतपाल से एक बार फिर सरेंडर करने की गुजारिश की है। बैठक में कहा गया कि इस मामले से एक पैनिक क्रिएट हो रहा है।