Amritsar. वारिस पंजाब दे के प्रमुख और खालिस्तान प्रचारक अमृतपाल सिंह की तलाश 13वें दिन भी जारी रही। अमृतपाल को ढूंढने के लिए होशियारपुर में अभियान चलाया जा रहा है। यहां उसे ड्रोन से तलाश किया जा रहा है। अमृतपाल उत्तराखंड से आने के बाद जालंधर में कपूरथला बॉर्डर के नजदीक एक डेरे में छुपा था। गुरूवार को अमृतपाल की दूसरी वीडियो सामने आई। जिसमें उसने सरबत खालसा बुलाने की मांग दोहराई।
अमृतपाल सिंह ने कहा - मैंने वीडियो के जरिए सिख संगतों को संबोधित किया था। जिसमें कुछ संगतों को शक था कि शायद वीडियो पुलिस की कस्टडी में बनी है। जिन्हें लगता है कि मैं भगौड़ा हो गया और अपने साथियों को छोड़ गया, कोई ऐसी गलतफहमी न रखे। मैं मरने से नहीं डरता। मुझे अगर इस घेरे से बाहर रखा है तो इसका मतलब है कि मैं अपनी कौम और अपने साथियों के लिए कुछ कर सकूं।
वीडियो में अमृतपाल ने कहा है कि सरबत खालसा बुला जत्थेदार परिवारवाद के इल्जाम से मुक्त हो सकते हैं। अमृतपाल ने कहा कि वह बगावत के दिन काट रहा है। मैं हुकूमत से नहीं डरता। वह भगौड़ा होने के बारे में सोच भी नहीं सकता।
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मेरी संगतों से अपील है कि मैंने सरबत खालसा के लिए कॉल दी है। मेरी जत्थेदार से अपील है कि आपकी भी परीक्षा है। आप कौम के लिए कितना डटकर खड़े हो सकते हो?। अगर आपने वहीर निकालनी है तो अकाल तख्त से वहीर निकले और वह तलवंडी साबो में तख्त श्री दमदमा साहिब में जाकर सरबत खालसा हो।
मैं उनमें से नहीं हूं कि देश छोड़कर बाहर भाग जाऊं और वीडियो डालकर बाहर से मैसेज दूं। जो बगावत के दिन होते हैं, उसे काटते हुए हमें बहुत कुछ झेलना पड़ता है। एक दिन में 20-22 मील सफर पैदल करना पड़ रहा है। खाना मिल गया तो ठीक वर्ना पानी पीकर गुजारा करना पड़ता है। बगावत के दिन काटने मुश्किल हैं लेकिन मैं संगत को कहता हूं कि हमें चड़दीकलां में रहना है। इस रास्ते पर चलने से पहले ही हमें पता था कि यह कांटों भरी राह है।