Mumbai. भारतीय नौसेना द्वारा आत्मनिर्भर भारत के परिपेक्ष्य में सोमवार को एक ऐतिहासिक सफलता हासिल की है। नौसेना के पायलटों ने आईएनएस विक्रांत पर हल्के स्वदेशी लड़ाकू विमान एलसीए की सफल लैंडिंग की। खास बात यह है कि स्वदेशी लड़ाकू विमान और स्वदेशी विमान वाहक को डिजाइन, विकसित और संचालन पूर्णतः भारत द्वारा ही किया गया है।
2 सितंबर को हुआ है नौसेना में शामिल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के पहले स्वदेश निर्मित विमान वाहक पोत (आईएएसी) को 2 सितंबर को नौसेना के बेड़े में शामिल किया था। समुद्री परीक्षण के चौथे और आखिरी स्टेज को सफलता पूर्वक पूरा करने के बाद भारतीय नौसेना ने 28 जुलाई को सीएसएल से इस विमान वाहक पोत को प्राप्त किया था।
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आईएनएस विक्रांत की आपूर्ति के साथ भारत उन चुनिंदा देशों की लिस्ट में शामिल हो गया है जिनके पास स्वदेशी विमान वाहक पोत को डिजाइन करने समेत निर्माण की क्षमता हासिल है। भारतीय नौसेना की शाखा नवल डिजाइन निदेशालय द्वारा डिजाइन इस विमान वाहक पोत का निर्माण सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी सीएसएल ने किया है।
नौसेना ने अपने आधिकारिक बयान में कहा है कि भारतीय नौसेना ने आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर हासिल किया है, नौसेना के पायलटों ने आईएनएस विक्रांत पर एलसीए की लैंडिंग की।
हिंद प्रशांत क्षेत्र में निभाएगा अहम भूमिका
नौसेना ने पहले ही कहा है कि विमानवाहक पोत हिंद प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने में भूमिका निभाने में सक्षम होगा। इस विमानवाहक पोत के निर्माण में 20 हजार करोड़ रुपए की लागत आई है। इस पोत के आधिकारिक तौर पर शामिल होने से नौसेना की ताकत दोगुनी हुई है।