तुम मुझे 11 सांसद दो, मैं तुम्हें छत्तीसगढ़ दूंगा : अटल बिहारी वाजपेयी

देश के 26वें राज्य छत्तीसगढ़ के निर्माण में अटल बिहारी वाजपेयी की अहम भूमिका रही। अटल जी के बारे में कई ऐसी बातें हैं जो उन्हें छत्तीसगढ़ का पर्याय बनाती हैं। वे छत्तीसगढ़ के निर्माता थे...

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Ravi Singh
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Atal Bihari Vajpayee BJP Chhattisgarh

Atal Bihari Vajpayee BJP Chhattisgarh Photograph: (the sootr)

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पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी देश की राजनीति के महापुरुषों में से एक माने जाते हैं। आज भी उनकी लोकप्रियता वैसी ही बनी हुई है, जैसी पहले थी। छत्तीसगढ़ के लोगों का अपना राज्य होने का सपना अटल जी ने ही पूरा किया था और इसी वजह से आम छत्तीसगढ़िया अटल जी से खास लगाव रखते हैं। देश के 26वें राज्य छत्तीसगढ़ के निर्माण में उनकी अहम भूमिका रही। अटल जी के बारे में कई ऐसी बातें हैं जो उन्हें छत्तीसगढ़ का पर्याय बनाती हैं। वे छत्तीसगढ़ के निर्माता थे, जिन्होंने दहाड़ लगाई थी कि तुम मुझे 11 सांसद दो, मैं तुम्हें छत्तीसगढ़ दूंगा। अटल जी की वो दहाड़ यादगार तारीख बन गई।

कोई यूं ही अटल नहीं बन जाता

वाजपेयी ने साल 1990 में छत्तीसगढ़ का सपना देखा था। यह निश्चय करने के बाद उन्होंने हार नहीं मानी और अपना सफर जारी रखा और वर्ष 2000 में छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना की। यही वजह है कि कहा जाता है कि कोई यूं ही अटल नहीं बन जाता। अटल के इस वादे के पूरे होने की कहानी बेहद दिलचस्प है।

1965 में छत्तीसगढ़ समाज की स्थापना

छत्तीसगढ़ को मध्य प्रदेश से अलग करने की मांग 1965 में आचार्य नरेंद्र दुबे ने की थी। इसके लिए उन्होंने 1965 में 'छत्तीसगढ़ समाज' की स्थापना की। इसके बाद 1967 में डॉ. खूबचंद बघेल ने इसे भंग कर 'छत्तीसगढ़ी भारतीय संघ' बनाकर इसे नया जीवन दिया। बाद में चंदूलाल चंद्राकर ने सर्वदलीय मंच से इस मांग को उठाया। उनके निधन के बाद विद्याचरण शुक्ल इस आंदोलन में कूद पड़े और ऐसी मांग उठाई कि उनकी आवाज दिल्ली तक गूंजी।

तुम मुझे 11 सांसद दो, मैं तुम्हें छत्तीसगढ़ दूंगा

2 जनवरी 1995 को रायपुर में सर्वदलीय मंच की रैली हुई। इसमें छत्तीसगढ़ से 7 सांसद, 23 विधायक और दो मंत्री शामिल हुए। पत्रकार चंदूलाल चंद्राकर की मौत के बाद मंच बिखर गया लेकिन तब तक राज्य की मांग राजनीतिक दलों की जरूरत बन चुकी थी। हालांकि आंदोलन शिथिल पड़ रहा था। राजनीतिक पराजय के दिनों में विद्याचरण शुक्ल सारी संभावनाएं समाप्त होने के बाद इस आंदोलन में कूद पड़े। उन्होंने राज्य संघर्ष मोर्चा का गठन किया। उनके आंदोलन का असर दिल्ली तक पहुंचने लगा। इन्हीं वजहों से चुनाव (98-99) के दौरान भाजपा नेता अटल बिहारी वाजपेयी ने रायपुर (सप्रेशाला मैदान) की एक सभा में जनता से वादा किया था कि 'तुम मुझे 11 सांसद दो, मैं तुम्हें छत्तीसगढ़ दूंगा'। इसके बाद उन्हें राज्य से लोकसभा की 10 सीटें मिलीं।

छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माण को मंजूरी

केंद्र में सरकार बनने के बाद अटल जी न तो अपना संकल्प भूले और न ही अपना वादा। 25 जुलाई 2000 को मध्य प्रदेश राज्य पुनर्निर्माण विधेयक-2000 लोकसभा में पेश किया गया। इसके बाद 31 जुलाई 2000 को लोकसभा में और 9 अगस्त को राज्यसभा में छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माण को मंजूरी दी गई। 25 अगस्त को राष्ट्रपति ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दी। इसके बाद 4 सितंबर 2000 को राजपत्र में इसका प्रकाशन हुआ और इस तरह 1 नवंबर 2000 को छत्तीसगढ़ अस्तित्व में आया।

3 विश्वविद्यालयों की रखी नींव 

अटल जी ने  साल 2004 में राज्य में तीन विश्वविद्यालयों की स्थापना की थी - कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय रायपुर, तकनीकी विश्वविद्यालय दुर्ग और पंडित सुंदरलाल शर्मा मुक्त विश्वविद्यालय बिलासपुर। इन तीनों विश्वविद्यालयों की नींव भी उन्होंने ही रखी थी।

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