BHUBANESWAR. बालासोर में 2 जून को हुए ट्रिपल ट्रेन हादसे को लेकर सीबीआई ने खुलासा किया है। जिसमें उन्होंने कहा कि यह ट्रेन हादसा पटरी पर बिना अप्रूवल हो रहे मरम्मत कार्य के कारण हुआ था। दरअसल, घटनास्थल पर रिपेयरिंग कार्य चल रहा था, जो कि सीनियर डिवीजनल सिग्नल और टेलिकॉम इंजीनियर की मंजूरी के बिना चल रहा था। इसके लिए सर्किट डायग्राम तक पास नहीं कराया गया था। इस दौरान सात अफसरों को संस्पेंड कर दिया गया है।
तीन अफसर हुए थे गिरफ्तार
सीबीआई ने भुवनेश्वर की स्पेशल कोर्ट में गुरुवार को अपनी रिपोर्ट पेश करते हुए इस गैर-कानूनी मरम्मत कार्य के बारे में बताया। सात जुलाई को इस मामले में तीन रेल अफसरों की भी गिरफ्तारी की गई थी। सीनियर सेक्शन इंजीनियर अरुण कुमार मोहंता, सेक्शन इंजीनियर मोहम्मद आमिर खान और टेक्नीशियन पप्पू कुमार ने गैर इरादतन हत्या और सबूतों को मिटाने का प्रयास किया था। ये तीनों आरोपी अफसर जानते थे कि उनकी इस लापरवाही से यह हादसा हो सकता है।
कैसे हुआ था हादसा ?
दो जून को शाम 7 बजकर 10 मिनट पर बालासोर में तीन ट्रेनें आपस में भिड़ गईं थी। दरअसल, कोरोमंडल एक्सप्रेस हावड़ा से चेन्नई जा रही थी, तभी बहानगा बाजार स्टेशन की आउटर लाइन पर एक खड़ी मालगाड़ी से वह टकरा गई थी। एक्सप्रेस का इंजन मालगाड़ी पर चढ़ने से बोगियां तीसरे ट्रैक पर जा गिरीं थी। वहीं, तीसरे ट्रैक पर बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस आ रही थी और वह कोरोमंडल एक्सप्रेस से जाकर टकरा गई थी। इस दौरान करीब 296 मौते और हजार से ज्यादा लोग घायल हुए थे।