NEW DELHI. जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) एक बार फिर बवाल हो गया है। इस बार गुजरात दंगों पर बनी बीबीसी की विवादास्पद डॉक्यूमेंट्री- 'India: The Modi Question' ने कैंपस में तनाव पैदा कर दिया है। डॉक्यूमेंट्री देख रहे छात्रों पर पथराव किया गया, इंटरनेट बंद करने के साथ ही बिजली भी काट दी गई। हालांकि बाद में कैंपस में बिजली आ गई। कुछ दिन पहले ही जेएनयू ने बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री ना दिखाने का फैसला किया था, लेकिन जवाहर लाल नेहरू छात्र संगठन (JNUSU) ने घोषणा की कि वो अपनी तरफ से छात्रों के लिए डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग करेगा। डॉक्यूमेंट्री देख रहे छात्रों का आरोप है कि अखिल भारतीय विद्यार्थी संगठन (ABVP) की तरफ से पथराव किया गया। छात्रों ने वसंत कुंज थाने के बाहर प्रदर्शन भी किया।
Delhi | JNU students protest outside a police station in Vasant Kunj after they marched there claiming stones were pelted during the screening of banned BBC documentary on PM Modi. pic.twitter.com/tYveQpj1yM
— ANI (@ANI) January 24, 2023
इसलिए डॉक्यूमेंट्री बैन की गई
केंद्र सरकार ने पिछले हफ्ते ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन (BBC) की डॉक्यूमेंट्री पर बैन लगाया है। यह गुजरात दंगों पर आधारित है। डॉक्यूमेंट्री के जरिए गलत नैरेटिव फैलाने का आरोप है। इसी कारण सरकार ने भारत में इसे बैन करने के साथ-साथ डॉक्यूमेंट्री के ट्वीट और वीडियो को यू-ट्यूब से हटाने के आदेश जारी किए थे। इसके अलावा इससे जुड़े 50 लिंक को ब्लॉक भी किया गया था।
छात्रों ने जेएनयू प्रशासन से तीन सवाल पूछे
जेएनयू एडमिनिस्ट्रेशन ने 23 जनवरी की शाम छात्रों के नाम नोटिस जारी कर बीबीसी डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग करने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी थी। इसके बाद छात्रों ने 24 जनवरी शाम को स्कीनिंग देखने के साथ जेएनयू प्रशासन को नोटिस के जवाब के साथ तीन सवाल पूछे। पहला- जेएनयू एक्ट में कहां लिखा है कि यदि किसी फिल्म की स्क्रीनिंग होती है तो यह नियमों की अवहेलना है। दूसरा- जेएनयू प्रशासन बताए कि एक्ट में कहां लिखा है कि किसी फिल्म को देखने के लिए यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन की अनुमति लेने की जरूरत है। तीसरा- जेएनयू प्रशासन ने किस एक्ट के आधार पर छात्रों को यह नोटिस भेजा है। आखिर में छात्रों ने लिखा है कि यहां शामिल होने वाले सभी छात्र अपनी मर्जी से पहुंचे थे। हमारा मकसद किसी को नुकसान या भावनाएं आहत करना नहीं था। हमारा मकसद सिर्फ फिल्म की स्क्रिप्ट को जानना था, जिसके कारण इस रोक लगाई गई है।
ABVP और NSUI के पक्ष
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) की ओर से कहा गया कि बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री में औपनिवेशिक मानसिकता के पिछलग्गू और हीनताबोध का प्रतीक बताया गया है। इसके अलावा नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) की ओर से कहा गया है कि वो देशभर के शिक्षण संस्थानों में इस डॉक्यूमेंट्री को दिखाएगा।
JNU विवादों से पुराना नाता, हिंसा की भी कई घटनाएं
अब तमाम तर्कों के बीच इस हुई घटना ने एक बार फिर जेएनयू में तनाव बढ़ा दिया है। बड़ी बात ये है कि हाथा-पाई तक की नौबत आ गई थी, गाली-गलौज भी हुई। मौके पर पुलिस पहुंची और हालात संभाले। JNUSU ने कहा कि वो कुछ समय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगी। इसके बाद ही इस विवाद से जुड़े कई पहलू स्पष्ट हो पाएंगे।
इससे पहले भी जेएनयू में समय-समय पर बड़े बवाल होते रहे हैं। ये बवाल ना सिर्फ सांप्रदायिक मोड़ ले लेते हैं, कुछ मौकों पर हिंसा भी देखने को मिल जाती है। 2 साल पहले ABVP और कम्युनिस्ट संगठन AISA के बीच मारपीट की घटना हुई थी। तब आरोप ये था कि ABVP छात्र संगठन के कार्यकर्ता बैठक कर रहे थे, तभी AISA के कार्यकर्ता आए और जमकर बवाल काटा।