आईपीएल 2025 के मैदान पर एक ऐसा लम्हा दर्ज हुआ है, जिसने रिकॉर्ड बुक्स को हिलाकर रख दिया है। यह मौका क्रिकेट प्रेमियों के दिलों को भी गहराई तक छू गया। राजस्थान रॉयल्स की जर्सी पहने मात्र 14 साल के वैभव सूर्यवंशी ने गुजरात टाइटंस के खिलाफ 38 गेंदों में 101 रन ठोकते हुए मैच जिताया। इसी के साथ देश को नया 'क्रिकेटिंग वंडर किड' मिल गया।
वैभव की इस अविश्वसनीय पारी ने हर किसी को 90 के दशक से लेकर 2000 के दशक तक के उन लम्हों की याद दिला दी, जब भारतीय क्रिकेट में पहली बार किसी कम उम्र के खिलाड़ी की बल्लेबाजी देखकर हर किसी की आंखें चमक उठती थीं।
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बिहार के छोटे से कस्बे से आने वाले वैभव सूर्यवंशी के लिए ये सिर्फ एक मैच नहीं था, यह उसकी क्रिकेट यात्रा की पहली छलांग है और क्या गजब की छलांग। स्टेडियम की भीड़, कमेंटेटर्स की आवाज और विरोधी टीम के गेंदबाजों की हैरानी...सब कुछ ठहर सा गया, जब 14 साल का यह लड़का मैदान पर कहर बनकर टूटा।
वैभव पारी में जहां विस्फोटक स्ट्रोक्स थे, वहीं परिपक्वता की झलक भी नजर आई, जो इस उम्र में विरले ही दिखती है। सबसे तेज टी20 सेंचुरी का रिकॉर्ड तो टूटा ही, साथ ही वह सबसे कम उम्र में टी20 शतक जड़ने वाले खिलाड़ी भी बन गए।
एक वैभव, और कई यादें...
वैभव की पारी ने जैसे क्रिकेट प्रेमियों को भावनात्मक सफर पर भेज दिया है। सोशल मीडिया पर रह रहकर वैभव के परफॉरमेंस की वीडियो रील और तस्वीरें वायरल हो रही हैं, जो हर भारतीय ने अपने-अपने दौर में जिया है। वैभव से पहले कई भारतीय खिलाड़ी अपने प्रदर्शन से पूरे देश की उम्मीदें जगा चुके हैं।
पढ़िए ये खास रिपोर्ट...
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वैभव खिलाड़ी नहीं, उम्मीद है...
वैभव सूर्यवंशी ( Vaibhav Suryavanshi ) की पारी को देख आज हर क्रिकेट प्रेमी यही सोच रहा है कि क्या यह वही लम्हा है, जिसे हम आने वाले 20 सालों तक याद रखेंगे? क्या भारत को एक और महान बल्लेबाज मिल गया है, जिसकी कहानी आने वाले पीढ़ियां दोहराएंगी? टीम मैनेजमेंट से लेकर पूर्व क्रिकेटर्स तक, सबकी जुबान पर एक ही बात है कि यह सिर्फ शुरुआत है, यह बच्चा बहुत आगे जाएगा।