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MP News: देश में कैंसर के मरीज़ों की संख्या लगातार बढ़ रही है। कैंसर एक ऐसी घातक बीमारी है जो शरीर के अंदर धीरे-धीरे गंभीर क्षति पहुंचाती है और अंततः जानलेवा साबित हो सकती है। पुरुषों और महिलाओं दोनों में कैंसर के कई प्रकार होते हैं, लेकिन महिलाओं में विशेष रूप से स्तन कैंसर, सर्वाइकल कैंसर और ओवेरियन कैंसर अधिक मिलते हैं। इसलिए महिलाओं के लिए इस बीमारी के शुरुआती लक्षणों को समझना और समय पर पहचानना अत्यंत आवश्यक है ताकि जल्दी इलाज संभव हो सके।
एम्स भोपाल (AIIMS Bhopal) की स्टडी ने क्या बताया
भोपाल एम्स में कैंसर रोगियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। यहां प्रतिवर्ष लगभग 36 हजार से अधिक कैंसर के मरीज उपचार के लिए आते हैं। इनमें से 62 प्रतिशत मरीज मध्यप्रदेश के अन्य जिलों और दूसरे राज्यों से आते हैं। एमपी में भोपाल के बाद सबसे अधिक कैंसर मरीज आगर मालवा जिले से आते हैं, जहां से हर साल करीब 3664 मरीज इलाज के लिए भोपाल एम्स पहुंचते हैं। आगर मालवा के अलावा रायसेन, विदिशा, नर्मदापुरम, सागर और रीवा जैसे जिलों में अस्पताल और मेडिकल कॉलेज मौजूद हैं, लेकिन फिर भी इन जिलों से भी बड़ी संख्या में मरीज भोपाल एम्स आते हैं। भोपाल जिले के मरीजों की संख्या भी करीब 12,224 है।
मुंह के कैंसर और ओवरी कैंसर के मामले अधिक
एम्स भोपाल के कैंसर विशेषज्ञ, असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. अंकित जैन ने बताया कि भोपाल समेत आसपास के जिलों से आने वाले 80 प्रतिशत पुरुष मरीज ओरल कैंसर (Oral Cancer) से पीड़ित हैं। इनमें गुटखा, तंबाकू, बीड़ी जैसी आदतों के कारण यह रोग होता है। महिलाओं में ओवरी कैंसर (Ovarian Cancer) बढ़ने के पीछे कीटनाशकों के संपर्क और जीवनशैली में बदलाव हैं।
बीच में उपचार छोड़ना हो सकता है खतरनाक
एम्स के विशेषज्ञ डॉक्टरों का कहना है कि कई मरीज बीच में इलाज बंद कर देते हैं, जिससे रोग बढ़कर जानलेवा रूप ले लेता है। टियर 2 और टियर 3 के शहरों में संगठित कैंसर देखभाल प्रणाली का अभाव है, जिसके कारण समय पर जांच और इलाज नहीं हो पाता। यही कारण है कि लगभग 30 प्रतिशत मरीज एडवांस स्टेज पर आते हैं।
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स्नोफ्लैक मॉडल से बेहतर जांच
एम्स के डॉक्टरों ने 'स्नोफ्लैक मॉडल' (Snowflake Model) विकसित किया है, जिसमें एम्स जोधपुर और अन्य तीन संस्थानों के सहयोग से जिले और ब्लॉक स्तर के अस्पतालों को बड़े शहर के अस्पताल से जोड़ा जा रहा है। इस मॉडल का उद्देश्य समय पर सही जांच और इलाज सुनिश्चित करना है।
ओवेरियन कैंसर क्या है?
ओवेरियन कैंसर महिलाओं के अंडाशय (Ovary) में उत्पन्न होने वाला कैंसर है, जिसमें अंडाशय की कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं और आसपास के स्वस्थ ऊतकों को नुकसान पहुंचाती हैं। यह कैंसर धीरे-धीरे आंत, पेट और शरीर के अन्य हिस्सों तक फैल सकता है, जिससे रोगी की स्थिति गंभीर हो जाती है।
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ओवेरियन कैंसर के शुरुआती लक्षण
- पेट और पेल्विक क्षेत्र में दर्द या ऐंठन
- अधिकतर महिलाओं को पेल्विक क्षेत्र या पेट में दर्द, ऐंठन या बेचैनी महसूस होती है। अक्सर इसे सामान्य पेट दर्द या पीरियड क्रैम्प्स समझ लिया जाता है, लेकिन यदि यह दर्द लगातार बना रहे और सामान्य दर्द से अलग हो तो सावधानी जरूरी है।
- बार-बार पेशाब आने की समस्या
- शारीरिक संबंध के दौरान दर्द और गर्भधारण में कठिनाई
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इन लक्षणों को ना करें नजरअंदाज
- ओवेरियन कैंसर के प्रारंभिक लक्षण अक्सर बहुत मामूली और अस्पष्ट होते हैं, जिसके कारण कई बार इसका पता देर से चलता है। इसके कारण कैंसर बढ़ जाता है। कुछ अन्य लक्षण इस प्रकार हैं:
- पेट में लंबे समय तक भारीपन या खराबी का अनुभव होना
- खाने की इच्छा में कमी या जल्दी पेट भरा हुआ महसूस होना
- बार-बार उल्टी या मतली जैसा लगना
- पीठ में लगातार दर्द महसूस होना
- कब्ज की समस्या बनी रहना
- बिना किसी कारण वजन कम होना, जबकि पेट बाहर निकलने लगे
- पीरियड्स के दौरान अत्यधिक रक्तस्राव या क्रैम्प्स का होना
- इन लक्षणों को नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है, इसलिए इन्हें देख चिकित्सकीय सलाह अवश्य लें।