19 करोड़ की कुर्की को लेकर विवाद, हाईकोर्ट वकील से भिड़ी महिला

भोपाल के स्वास्थ्य संचालनालय में शुक्रवार को कोलकाता हाईकोर्ट के आदेश पर कुर्की करने टीम पहुंची तो महिला अधिकारी ने दवा कंपनी के वकील को बाहर निकाल दिया। जिससे हंगामे की स्थिति बन गई...

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Jitendra Shrivastava
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भोपाल के स्वास्थ्य संचालनालय (Directorate of Health) में शुक्रवार को हंगामे की स्थिति बन गई, जब कोलकाता हाईकोर्ट के निर्देश पर एक दवा कंपनी के वकील ने दफ्तर में प्रवेश किया और वहां से सामान निकालने की कोशिश की। यह विवाद तब और बढ़ गया जब संचालनालय की एक महिला अधिकारी ने वकील को ऑफिस से बाहर निकाल दिया।  

क्या था विवाद का कारण 

दरअसल कोलकाता हाईकोर्ट ने “स्वास्थ्य विभाग के निदेशक” को एक आदेश जारी किया था, जिसमें एक दवा कंपनी से 2013 में खरीदी गई कीटनाशक दवाओं का भुगतान न होने के चलते 19 करोड़ 34 लाख 57 हजार 58 रुपए की कुर्की का निर्देश दिया गया है। इस आदेश का पालन कराने के लिए वकील पूर्णाशीष भुइया स्वास्थ्य संचालनालय पहुंचे। जहां वे उन्होंने कोर्ट के अधिकारियों के साथ सामान कुर्क करने का प्रयास करने लगे।

महिला अधिकारी ने किया विरोध

जब वकील और कोर्ट के कर्मचारी दफ्तर का सामान बाहर निकाल रहे थे, तब वहां मौजूद महिला अधिकारी वंदना खरे (Additional Director Vandana Khare) ने इसका विरोध किया। उन्होंने वकील को दफ्तर से बाहर निकालते हुए स्पष्ट किया कि स्वास्थ्य संचालनालय में कोई स्वास्थ्य निदेशक (Director of Health) का पद नहीं है। इसलिए यहां कुर्की नहीं की जा सकती। वकील ने इस व्यवहार की शिकायत भोपाल कोर्ट में करने की बात कही और अतिरिक्त पुलिस बल की मांग की।

कोलकाता हाईकोर्ट का आदेश और विवाद का इतिहास

बता दें कि वर्ष 2013 में स्वास्थ्य विभाग ने कोलकाता की एक कंपनी से 50 लाख 70 हजार रुपए की कीटनाशक दवाएं खरीदी थीं। विभाग द्वारा भुगतान न करने पर कंपनी ने कानूनी कार्रवाई की और हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य विभाग को ब्याज समेत भुगतान करने का आदेश दिया। इस मामले में विभाग को कोलकाता हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक हार का सामना करना पड़ा है।

स्वास्थ्य संचालनालय का पक्ष

स्वास्थ्य संचालनालय की तरफ से मल्लिका निगम नागर (Mallika Nigam Nagar) ने स्पष्ट किया कि स्वास्थ्य संचालनालय में निदेशक का कोई पद नहीं है। इसलिए यहां कुर्की की कार्रवाई अवैध है। उनके अनुसार, यह कदम महिलाओं के नेतृत्व में विभागीय निर्णयों की गरिमा को बनाए रखने के लिए लिया गया। इधर कंपनी के वकील ने भोपाल कोर्ट में अतिरिक्त पुलिस बल के साथ कुर्की कार्रवाई को दोबारा शुरू करने का अनुरोध किया है।  

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