बिहार में चलती ट्रेन में देवदूत बनकर आए टीटीई ने एक बुजुर्ग यात्री की जान बचा ली। यात्री को ट्रेन में हार्ट अटैक (Heart Attack) हुआ था, जिसके बाद कोच में अफरा-तफरी मच गई। ट्रेन में हार्ट अटैक आने की खबर लगते ही मौके पर पहुंचे टीटीई ने तुरंत यात्री को सीपीआर दिया और उसकी जान बचाई। साथ ही डॉक्टर को भी सूचना भी दी। दरअसल, भारतीय रेलवे द्वारा अपने कर्मचारियों को 'ऑपरेशन कर्मयोगी' के तहत प्रशिक्षण देकर यात्रियों की सेवा में बेहतर और दक्ष बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
ट्रेन में यात्री को आया हार्ट अटैक
पूरा मामला गाड़ी संख्या 15708 अमृतसर-कटिहार आम्रपाली एक्सप्रेस का है। इस ट्रेन के स्लीपर कोच में बुजुर्ग यात्री को (कार्डियक अरेस्ट) हृदयाघात हुआ था, जिससे कारण यात्री अचेत हो गया। जिसके बाद कोच में अफरा तफरी मच गई। सूचना मिलने ही टिकट चेक रहे छपरा के उप मुख्य टिकट निरीक्षक राजीव कुमार और मनमोहन कुमार मौक पर पहुंचे और बगैर देर किए यात्री को सीपीआर (कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन) दिया। इसके बाद यात्री को होश में लाया। साथ ही तत्काल छपरा स्वास्थ्य यूनिट के डॉक्टर्स को अटेंड करने के लिए सूचना भी दी गई। प्राथमिक चिकित्सा के बाद यात्री ने आंखें खोली और बेहतर महसूस किया। ट्रेन में इस मानवीय कार्य को देखकर यात्रियों ने टीटीई की जमकर सराहना की। इसके बाद आमृपाली एक्सप्रेस छपरा स्टेशन पहुंची और हेल्थ यूनिट छपरा के डॉक्टर्स ने यात्री का चेकअप किया।
मदद और मेडिकल नॉलेज के लिए सराहना
बता दें कि दोनों टीटीई को कर्मयोगी प्रशिक्षण में प्राथमिक चिकित्सा और कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन जीवन रक्षक आपातकालीन प्रक्रिया को लेकर नॉलेज था। इसलिए वे यात्री की जिंदगी बचा सके। इसके लिए यात्री ने रेलवे कर्मचारियों की सहायता और मेडिकल नॉलेज की जमकर सराहना की है। साथ ही सहयात्रियों ने भी रेलवे कर्मचारियों का आभार जताया।
ऑपरेशन कर्मयोगी प्रशिक्षण का कमाल
दरअसल, रेल प्रशासन ने रेल कर्मचारियों को कर्मयोगी प्रारंभ मॉड्यूल’ के माध्यम से इस पाठ्यक्रम से निश्चय ही कर्मचारियों के कार्य क्षमता में सुधार हो रहा है। रेल सुविधा बेहतर हो रही है। रेलवे प्रशासन अपने कर्मचारियों को नये-नये तरीकों से प्रशिक्षित देकर रेल यात्रियों को बेहतर सेवा उपलब्ध कराने के साथ-साथ अपने कार्यक्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए प्रयासरत है। इसी क्रम में, पूर्वोत्तर रेलवे ने अपने कर्मचारियों को यात्री सेवा कार्यों में बेहतर बनाने के साथ ही कार्य क्षमताओं को विकसित करने के लिए ‘कर्मयोगी मॉड्यूल’ में प्रशिक्षित किया है।
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