Gurdaspur. साल 2024 में आम चुनाव होना है। पंजाब में 13 सीटों पर बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच मुख्य मुकाबले की संभावना है। गुरदासपुर रैली में अमित शाह ने इसके संकेत दिए हैं। शाह ने अपने भाषण में AAP और CM भगवंत मान पर जमकर निशाना साधा। इसके अलावा ना तो उन्होंने कांग्रेस और ना ही अकाली दल पर कोई तंज कसा और ना ही कोई जिक्र किया।
संगरुर हारी पर जालंधर की जीत से फिर मिली ताकत
पंजाब में बीजेपी अकेले के दम पर लोकसभा चुनाव लड़ेगी। अभी तक बीजेपी अकाली दल के साथ गठबंधन मिलकर चुनाव लड़ती थी। कैप्टन अमरिंदर सिंह और सुनील जाखड़ जैसे सियासी दिग्गजों के साथ आने के बाद बीजेपी खुलकर AAP को निशाने पर ले रही है।आप को पिछले विधानसभा चुनाव में 117 में से 92 विधानसभा सीटें मिली थी। इसके बाद आप संगरूर उपचुनाव हार गई लेकिन जालंधर में जीत के बाद AAP ने फिर से पंजाब में दमखम दिखाया।
जानिए क्या कहा गृहमंत्री अमित शाह ने
AAP के चुनावी वादों पर बरसे शाह
अमित शाह अपने भाषण की पूरी तैयारी रिकार्ड के साथ करके आए थे। उन्होंने उस हर वादे का जिक्र किया, जिसे AAP ने विधानसभा चुनाव 2022 से पहले किया था। अपने भाषण में गृहमंत्री शाह ने महिलाओं को हर महीने एक हजार रुपए देने के बारे में पूछा। इतना ही नहीं, रेत माफिया खत्म कर माइनिंग से 20 हजार करोड़ कमाई का हिसाब मांगा।
नशे को लेकर भी हमलावर दिखे शाह
गृहमंत्री शाह ने युवतियों को शादी में 51 हजार रुपए देने वाले AAP के वादे का भी जिक्र किया। यह भी बताया कि इसके लिए 15 हजार आवेदन आ चुके हैं, लेकिन किसी को कुछ नहीं मिला। गृहमंत्री शाह ने पंजाब में नशे की स्थिति पर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने इसके लिए खुलकर AAP वार तो नहीं किया लेकिन इशारों में बता दिया कि AAP सरकार नशा रोकने के लिए ठोस काम नहीं कर सकी।
लॉ एंड ऑर्डर के बहाने साधा मान पर निशाना
शाह ने पंजाब के लॉ एंड ऑर्डर का भी जिक्र किया। शाह ने कहा कि केंद्र भी अच्छी तरह से जानता है कि पंजाब में लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति बदतर हो रही है। उन्होंने इसका कारण भी AAP को ही बताया। उन्होंने कहा कि सीएम मान AAP सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल को देश भ्रमण करवा रहे हैं, वे भी पंजाब के हेलिकॉप्टर में।
कांग्रेस की कलह से बीजेपी को फायदा
बीजेपी के लिए कांग्रेस अब पंजाब में बड़ी चुनौती नहीं है। इसका बड़ा कारण पंजाब में कांग्रेस की हार और उसका धड़ों में बंट जाना है। मौजूदा पंजाब कांग्रेस में जहां नवजोत सिंह सिद्धू खेमा अलग चल रहा है, वहीं मौजूदा प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वडिंग और पंजाब के सांसदों का धड़ा अलग चल रहा है। कांग्रेसी दिग्गज नेता सुनील जाखड़, पूर्व मंत्री मनप्रीत बादल, राज कुमार वेरका बीजेपी जॉइन कर चुके हैं। इसके अलावा पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह अलग से अपनी पार्टी बना कर बीजेपी में उसका विलय कर चुके हैं।
अकाली दल में भी नहीं है कोई ताकतवर चेहरा
एक समय अकाली दल पंजाब में काफी मजबूत स्थिति थी, जब उनके पास बीजेपी का समर्थन था। लेकिन दोनों पार्टियों के अलग होने के बाद और कमान पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल के हाथों के जाने के बाद से अकाली दल कमजोर होता चला गया। प्रकाश सिंह बादल के साथ चले सीनियर अकाली नेता और सुखबीर बादल ग्रुप के बीच खास नहीं जमती। वहीं, बीते दो विधानसभा चुनावों और उप- चुनावों में अकाली दल का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है।