PM मोदी और जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय वार्ता, इन मुद्दों पर हुई चर्चा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच 5 साल बाद द्विपक्षीय वार्ता हुई। सीमा विवाद के बाद दोनों देशों के बीच शीर्ष स्तर पर पहली बैठक है। पीएम मोदी ने कहा कि सीमा पर शांति-स्थिरता बनाए रखना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।

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Vikram Jain
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BRICS Summit PM Modi and Chinese President Xi Jinping Bilateral talks
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रूस के कजान शहर में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) के बीच 5 साल के बाद द्विपक्षीय वार्ता हुई। बुधवार 23 अक्टूबर को हुई द्विपक्षीय मुलाकात में दोनों देशों के बीच कई मुद्दों पर सहमति बनी। पीएम मोदी ने स्पष्ट कहा कि 5 साल बाद हमारी मुलाकात हुई। भारत-चीन के रिश्ते वैश्विक शांति के लिए बहुत जरूरी हैं। हम खुले मन से बातचीत करेंगे। एक दूसरे का सम्मान होना चाहिए। सीमा पर मुद्दों को लेकर सहमति का स्वागत करते हैं।

द्विपक्षीय बातचीत इन मुद्दों पर हुई चर्चा

चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात पर पीएम मोदी ने कहा कि आपसे मिलकर खुशी हुई। 50 मिनट की बातचीत में पीएम मोदी ने कहा कि हमारी प्राथमिकता सीमा पर शांति और स्थिरता बनाए रखना होनी चाहिए। आपसी विश्वास, सम्मान और संवेदनशीलता हमारे संबंधों की नींव बनी रहनी चाहिए। द्विपक्षीय बातचीत के दौरान दोनों नेताओं ने सीमा विवाद को जल्द निपटाने, आपसी सहयोग और आपसी भरोसा बनाए रखने पर जोर दिया। भारत और चीन के बीच संबंधों को सामान्य बनाए रखने के लिए मिलकर काम करने पर सहमति जताई।

अंतरराष्ट्रीय समुदाय देख रहा हमारी बैठक

जिनपिंग ने पीएम मोदी ने मुलाकात पर खुशी जताते हुए कहा कि पिछले पांच सालों में यह हमारी पहली औपचारिक मुलाकात है। भारत और चीन के लोग और अंतरराष्ट्रीय समुदाय हमारी मुलाकात पर ध्यान दे रहे हैं। दोनों देश प्राचीन सभ्यताएं, प्रमुख विकासशील देश और वैश्विक दक्षिण के महत्वपूर्ण सदस्य हैं। दोनों देश अपने-अपने आधुनिकीकरण के प्रयासों के एक महत्वपूर्ण चरण में हैं। यह हमारे देशों और लोगों के मूल हितों की सबसे बड़ी सेवा है।

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दोनों पक्षों के लिए संवाद और सहयोग महत्वपूर्ण

जिनपिंग ने आगे कहा कि दोनों पक्षों के लिए ज्यादा संवाद और सहयोग करना महत्वपूर्ण है। दोनों देशों को अपने मतभेदों को बेहतर तरीके से संभालना होगा। हमें अपने विकास के सपनों को साकार करने के लिए कम्युनिकेशन और सहयोग को मजबूत करना चाहिए। एक दूसरे के विकास की आकांक्षाओं को आगे बढ़ाने में मदद करने का आवश्कता है। दोनों का अपनी अंतरराष्ट्रीय जिम्मेदारियों को निभाने, विकासशील देशों की ताकत और एकता को बढ़ाने के लिए उदाहरण पेश करने और संबंधों में बहुध्रुवीयता और लोकतंत्र को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण योगदान है।

सीमा पर शांति और स्थिरता होनी चाहिए प्राथमिकता

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि दोनों देश 5 साल बाद औपचारिक बैठक कर रहे हैं। हमारा मानना है कि भारत-चीन संबंध न केवल हमारे लिए बल्कि वैश्विक शांति और स्थिरता और प्रगति के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। हम सीमा पर पिछले 4 साल से उठे मामलों पर बनी सहमति का स्वागत करते हैं। सीमा पर शांति और स्थिरता बनाए रखना हमारे लिए प्राथमिकता होनी चाहिए। भरोसा, सम्मान और संवेदनशीलता दोनों के संबंधों का आधार बनी रहनी चाहिए। पीएम मोदी ने भरोसा जताते हुए कहा कि हम खुले दिमाग से बात करेंगे और हमारी चर्चा रचनात्मक होगी।

मुलाकात पर विदेश सचिव ने क्या कहा... 

द्विपक्षीय बातचीत विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर पीएम मोदी ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की। 5 साल के बाद प्रतिनिधिमंडल स्तर पर यह उनकी पहली द्विपक्षीय बैठक थी। इससे पहले 2019 में ब्राजील में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान बैठक हुई थी। विक्रम मिस्री ने आगे कहा कि यह बैठक सैनिकों की वापसी और गश्त समझौते और 2020 में भारत-चीन सीमा क्षेत्रों में पैदा हुए मुद्दों के समाधान के ठीक बाद हुई।

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