BHOPAL. वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम 2024 वैश्विक जोखिम रिपोर्ट के लिए सर्वेक्षण के अनुसार, भारत वह देश है, जहां दुष्प्रचार और गलत सूचना का खतरा सबसे अधिक है। बता दें कि गलत सूचना व दुष्प्रचार को विशेषज्ञों द्वारा भारत को नंबर वन जोखिम वाले देशों में चुना गया है।
विश्व आर्थिक मंच की रिपोर्ट
विश्व आर्थिक मंच (WEF) की 2024 वैश्विक जोखिम रिपोर्ट 12 अक्टूबर, 2023 को जारी की गई थी। इस रिपोर्ट में 2023-2027 की अवधि के लिए 10 सबसे बड़ी वैश्विक जोखिमों की पहचान की गई है। बता दें कि इन जोखिमों को उनके प्रभाव और संभाव्यता के आधार पर रैंक किया गया है।
- जलवायु कार्रवाई की विफलता
- जैव विविधता हानि
- प्रमुख आर्थिक संकट
- हथियारीकरण और संघर्ष
- सामाजिक असंतोष
- वैश्विक स्वास्थ्य महामारी
- डिजिटल भेदभाव
- प्राकृतिक आपदाएं
- राजनीतिक अस्थिरता
विनाशकारी प्रभावों को जन्म दे सकते हैं ये जोखिम
जलवायु कार्रवाई की विफलता और जैव विविधता हानि को सबसे गंभीर वैश्विक जोखिम माना जाता है। ये जोखिम विनाशकारी प्रभावों को जन्म दे सकते हैं, जिनमें बड़े पैमाने पर विस्थापन, खाद्य असुरक्षा और आर्थिक गिरावट शामिल हैं। प्रमुख आर्थिक संकट, हथियारीकरण और संघर्ष, सामाजिक असंतोष और वैश्विक स्वास्थ्य महामारी भी गंभीर वैश्विक जोखिम हैं। ये जोखिम समाज और अर्थव्यवस्थाओं को अस्थिर कर सकते हैं। सात ही हिंसा और अशांति को जन्म दे सकते हैं। डिजिटल भेदभाव, प्राकृतिक आपदाएं और राजनीतिक अस्थिरता भी महत्वपूर्ण वैश्विक जोखिम हैं। ये जोखिम गरीबी और असमानता को बढ़ा सकते हैं। वहीं सामाजिक और राजनीतिक अस्थिरता को भी जन्म दे सकते हैं। इन जोखिमों से निपटने के लिए, सरकारों, व्यवसायों और नागरिक समाज को मिलकर काम करने की आवश्यकता है।
क्या है वैश्विक जोखिम रिपोर्ट 2024 की मुख्य विशेषताएं
- वैश्विक परिदृश्य में नकारात्मक परिवर्तन : वर्ष 2023 में संघर्ष, चरम मौसमी घटनाएं और सामाजिक असंतोष सहित विभिन्न वैश्विक घटनाओं ने मुख्य रूप से नकारात्मक दृष्टिकोण में योगदान दिया है।
- AI संचालित गलत सूचना और दुष्प्रचार : गलत सूचना और दुष्प्रचार को अगले दो वर्षों में सबसे गंभीर जोखिमों के रूप में सूचीबद्ध किया गया है, जो इस बात पर प्रकाश डालता है, कि कैसे प्रौद्योगिकी में तेजी से प्रगति नई समस्याएं पैदा कर रही है या मौजूदा समस्याओं को बदतर बना रही है।
- ये चिंताजनक है कि ChatGPT जैसे जनरेटिव AI चैटबॉट्स के विकास से तात्पर्य है कि विशेष प्रतिभा वाले लोग अब जटिल सिंथेटिक सामग्री नहीं बना पाएंगे जिनका उपयोग लोगों के समूहों को नियंत्रित करने के लिए किया जा सकता है।
- AI-संचालित गलत सूचना और दुष्प्रचार एक जोखिम के रूप में उभर रहा है, क्योंकि संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन, इंडोनेशिया, भारत, मैक्सिको तथा पाकिस्तान जैसी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं सहित कई देशों में अरबों लोग वर्ष 2024 एवं उसके बाद के चुनावों में भाग लेने के लिए तैयार हैं।
वैश्विक जोखिमों को आकार देने वाली संरचनात्मक शक्तियां
- अगले दशक में वैश्विक जोखिमों को आकार देने वाली चार संरचनात्मक शक्तियां हैं : जलवायु परिवर्तन, जनसांख्यिकीय विभाजन, त्वरित प्रौद्योगिकीय और भू-रणनीतिक बदलाव।
- ये शक्तियां वैश्विक परिदृश्य में दीर्घकालिक परिवर्तनों का संकेत देती हैं, और उनकी अंतः क्रियाएं अनिश्चितता और अस्थिरता में योगदान देंगी।
- पर्यावरणीय जोखिम की प्रमुखता : पर्यावरणीय जोखिम, विशेष रूप से चरम मौसम, सभी समय-सीमाओं में जोखिम परिदृश्य पर हावी रहते हैं। संभावित अपरिवर्तनीय परिणामों के साथ, जलवायु परिवर्तन, जैवविविधता हानि और पृथ्वी प्रणालियों में महत्त्वपूर्ण परिवर्तनों के बारे में चिंताएं स्पष्ट हैं।
- आर्थिक तनाव और असमानता : जीवनयापन की लागत का संकट, मुद्रास्फीति और आर्थिक मंदी जैसे आर्थिक जोखिम 2024 के लिए चिंताजनक हैं। आर्थिक अनिश्चितता निम्न और मध्यम आय वाले देशों को असंगत रूप से प्रभावित करेगी, जिससे संभावित डिजिटल अलगाव और बिगड़ते सामाजिक तथा पर्यावरणीय प्रभाव होंगे।
- सुरक्षा जोखिम और तकनीकी प्रगति : अगले दो वर्षों में अंतर्राज्यीय सशस्त्र संघर्ष को शीर्ष जोखिम रैंकिंग में एक नए प्रवेशकर्त्ता के रूप में पहचाना गया है। तकनीकी प्रगति, विशेष रूप से कृत्रिम बुद्धिमत्ता में, सुरक्षा जोखिम पैदा करती है, क्योंकि वे गैर-राज्य अभिकर्त्ताओं को विघटनकारी उपकरणों तक पहुंचने में सक्षम बनाती हैं, जिससे संभावित रूप से संघर्ष और अपराध में वृद्धि होती है।
- भू-राजनीतिक बदलाव तथा शासन चुनौतियां : वैश्विक शक्तियों के बीच विद्यमान व्यापक अंतराल, विशेष रूप से ग्लोबल नॉर्थ तथा साउथ के बीच, अंतर्राष्ट्रीय शासन में चुनौतियों का कारण बन सकता है। ग्लोबल साउथ में देशों का बढ़ता प्रभाव तथा भू-राजनीतिक तनाव सुरक्षा गतिशीलता को नया आकार दे सकता है एवं वैश्विक जोखिमों को प्रभावित कर सकता है।
संबंधित अनुसंशाएं क्या हैं?
निवेश एवं विनियमन का लाभ उठाने वाली स्थानीयकृत रणनीतियां अपरिहार्य जोखिमों के प्रभाव को कम कर सकती हैं तथा सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र इन लाभों को सभी तक पहुंचाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। भविष्य को प्राथमिकता देने तथा अनुसंधान एवं विकास पर ध्यान केंद्रित करने के प्रयासों के माध्यम से विकसित एकल सफल प्रयास विश्व को एक सुरक्षित स्थान बनाने में मदद कर सकते हैं। नागरिकों, कंपनियों तथा देशों के वैयक्तिक प्रयास भले ही बहुत अधिक प्रभावशाली प्रतीत न हों किंतु वैश्विक जोखिम में कमी लाने में वे पर्याप्त प्रभाव डाल सकते हैं। विश्व में बढ़ते विखंडन के बावजूद मानव सुरक्षा तथा विकास के लिए निर्णायक जोखिमों को कम करने के लिए बड़े पैमाने पर सीमा पार सहयोग वर्तमान में भी आवश्यक है।
वैश्विक जोखिम क्या है?
वैश्विक जोखिम को किसी घटना अथवा स्थिति के घटित होने की संभावना के रूप में परिभाषित किया गया है जिसके घटित होने पर वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद, जनसंख्या अथवा प्राकृतिक संसाधनों के एक महत्त्वपूर्ण अनुपात पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। वैश्विक जोखिम रिपोर्ट स्विट्ज़रलैंड के दावोस में फोरम की आगामी वार्षिक बैठक आयोजित होने से पूर्व विश्व आर्थिक मंच द्वारा प्रकाशित एक वार्षिक अध्ययन है।
विश्व आर्थिक मंच क्या है?
- वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (WEF) एक स्विस गैर-लाभकारी संस्थान है जिसकी स्थापना वर्ष 1971 में जिनेवा (स्विट्जरलैंड) में हुई थी। स्विस सरकार द्वारा इसे सार्वजनिक-निजी सहयोग के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय संस्था के रूप में मान्यता प्राप्त है।
- WEF वैश्विक, क्षेत्रीय और उद्योग जगत की परियोजनाओं को आकार देने हेतु व्यापार, राजनीतिक, शिक्षा क्षेत्र तथा समाज के अन्य प्रतिनिधियों को शामिल करके विश्व की स्थिति में सुधार के लिए प्रतिबद्ध है।