बैंक डूबने की स्थिति में अब डिपॉजिटर्स को 5 लाख की राशि पूरी तरह से सुरक्षित रहेगी, साथ ही उसका भुगतान 90 दिन यानी तीन महीने में कर दिया जाएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कैबिनेट की बैठक के बाद यह जानकारी दी। इसके दायरे में उन बैंकों के ग्राहक भी आएंगे, जिन पर आरबीआई ने कोई प्रतिबंध या मोरेटोरियम लगाया हुआ है। उन्होंने कहा कि जमा बीमा और ऋण गारंटी निगम (DICGC) एक्ट में संशोधन को मंजूरी दी गई है। इसके अंतर्गत 98.3 फीसदी बैंक खाताधारक पूरी तरह संरक्षित हो जाएंगे।
जमाकर्ताओं को मिलेगी राहत
पहले यह बीमा राशि सिर्फ 1 लाख रुपये ही थी, लेकिन केंद्र सरकार ने पिछले साल ही इसे बढ़ाकर 5 लाख कर दिया है। बता दें कि इस विधेयक को मौजूदा मानसून सत्र में पेश किए जाने की उम्मीद है। विधेयक के कानून बनने के बाद इससे उन हजारों जमाकर्ताओं को तत्काल राहत मिलेगी, जिन्होंने अपना धन पीएमसी बैंक और दूसरे छोटे सहकारी बैंकों में जमा किया था।
जमा राशि का बढ़ाया प्रीमियम
वित्त मंत्री कहा कि हर बैंक में वास्तव में जमा राशि के 100 रुपये के लिए 10 पैसे का प्रीमियम हुआ करता था। इसे अब बढ़ाकर 12 पैसे किया जा रहा है। यह किसी भी समय प्रति 100 रुपये के लिए 15 पैसे से अधिक नहीं होना चाहिए। DICGC बिल 2021 के तहत, सभी जमाओं का 98.3 फीसदी कवर किया जाएगा और जमा मूल्य के संदर्भ में, 50.9 फीसदी जमा मूल्य को कवर किया जाएगा। वैश्विक जमा मूल्य सभी जमा खातों का केवल 80 फीसदी है। यह जमा मूल्य का केवल 20-30 फीसदी कवर करता है।