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Kanpur. कानपुर में दुर्घटना के दौरान स्कॉर्पियो का एयरबैग नहीं खुलने के कारण युवक की हादसे में मौत हो गई। मामले में महिंद्रा कंपनी के मालिक आनंद गोपाल महिंद्रा समेत 13 लोगों के खिलाफ गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है। पीड़ित ने आरोप लगाया है कि पुलिस थाने और चौकी में कंपनी की इस लापरवाही को लेकर सुनवाई नहीं की गई। इसके बाद कोर्ट की मदद से रायपुरवा थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई।
विज्ञापन देखकर खरीदी गाड़ी और डॉक्टर बेटे को गिफ्ट की
कानपुर के जूही इलाके में रहने वाले राजेश मिश्रा ने बताया कि 2 दिसंबर 2020 को जरीब चौकी स्थित तिरुपति ऑटो से एक ब्लैक स्कॉर्पियो 17.39 लाख रुपए में खरीदी थी। कंपनी की ओर से गाड़ी की खूबियों और सुरक्षा के बारे में बताया गया था। इतना ही नहीं कई सोशल मीडिया पर आनंद महिंद्रा द्वारा दिखाए गए विज्ञापन देखकर इकलौते बेटे डॉ. अपूर्व मिश्रा को कार गिफ्ट की। 14 जनवरी 2022 को अपूर्व दोस्तों के साथ लखनऊ से कानपुर लौट रहे थे। कोहरे के चलते गाड़ी डिवाइडर से टकराकर पलट गई और अपूर्व की मौके पर ही मौत हो गई थी। इस दौरान अगर कार का एयरबैग खुल जाता तो मेरा बेटा आज जिंदा होता।
पिता का आरोप : धोखाधड़ी कर गाड़ी बेची गई
मृतक के पिता राजेश मिश्रा के अनुसार, बेटे ने सीट बेल्ट लगा रखा था। शरीर पर कोई गंभीर चोट का निशान नहीं था, लेकिन एयरबैग नहीं खुलने की वजह से बेटे की मौत हो गई। राजेश का सीधा आरोप है कि धोखाधड़ी करके उन्हें गाड़ी बेची गई। इस बात को लेकर पहले तो उन्होंने शोरूम के कर्मचारी से शिकायत की तो उन्होंने खूब बहस की और फिर मारपीट पर उतारू हो गए। जान से मारने की धमकी भी दी। इसके बाद उन्होंने रायपुर थाने में शिकायत की। सुनवाई नहीं होने पर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। अदालत ने मामले में एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया। इसके बाद पुलिस एफआईआर दर्ज की।
इन लोगों पर दर्ज की गई एफआईआर
कानपुर के रायपुरवा थाने में महिंद्रा कंपनी के मालिक आनंद गोपाल महिंद्रा, तिरुपति आटो के मैनेजर, मुंबई स्थित महिंद्रा कंपनी के निदेशक चंद्र प्रकाश गुरनानी, विक्रम सिंह मेहता, राजेश गणेश जेजुरिकर, अनीश दिलीप शाह, थोथला नारायणनासामी, हैग्रेव खेतान, मुथैया मुरगप्पन मुथैया, विशाखा नीरुभाई देसाई, निसबाह गोदरेज, सिखासंजय शर्मा और विजय कुमार शर्मा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी), 287 (मशीनरी के संबंध में लापरवाहीपूर्ण आचरण), 304-ए (लापरवाही से मौत का कारण), गैर इरादतन हत्या, जान से मारने की धमकी देना और साजिश रचने समेत कई गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया गया है।