1984 सिख विरोधी दंगा मामले में सीबीआई के चार्जशीट में दावा, टाइटलर ने भीड़ को उकसाया, कहा- पहले सिखों को मारो, फिर दुकान लूटो

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The Sootr CG
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1984 सिख विरोधी दंगा मामले में सीबीआई के चार्जशीट में दावा, टाइटलर ने भीड़ को उकसाया, कहा- पहले सिखों को मारो, फिर दुकान लूटो



NEW DELHI. 1984 सिख विरोधी दंगा मामले में सीबीआई ने शनिवार 6 अगस्त को दिल्ली की एक अदालत में कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। सीबीआई ने अपने चार्जशीट में टाइटलर पर हत्या का आरोप लगाया है। सीबीआई की चार्जशीट में कहा गया है कि टाइटलर ने कार से उतरकर भीड़ से कहा कि पहले सिखों को मारो, फिर उनकी दुकानें लूट लो।





भीड़ को उकसा रहे थे टाइटलर- सीबीआई





सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में कहा कि कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर ने दिल्ली में गुरुद्वारा पुल बंगश के पास सिखों को मारने के लिए भीड़ को उकसाया था। इसके बाद भीड़ ने 3 सिखों की हत्या कर दी। सीबीआई की इस चार्जशीट में कांग्रेस नेता के ड्राइवर के बेटे का बयान भी शामिल है। जांच एजेंसी ने साल 2000 में जस्टिस नानावटी जांच आयोग के सामने दायर हलफनामे से एक गवाह का बयान भी चार्जशीट में शामिल किया है। गवाह के मुताबिक, उसने दिल्ली के टीबी अस्पताल गेट के पास जगदीश टाइटलर को देखा था। जगदीश टाइटलर भीड़ को डांटते हुए कह रहे थे कि उनके निर्वाचन क्षेत्र में पूर्वी दिल्ली और कैंट के मुकाबले कम सिख मारे गए हैं। उन्होंने बड़े पैमानों में सिखों की हत्या करवाने का वादा किया था और पूरी सुरक्षा मांगी थी। 





भीड़ को उकसा रहे थे जगदीश- गवाह





सीबीआई ने चार्जशीट में एक अन्य गवाह के हवाले से बताया कि उसने जगदीश टाइटलर को मौके पर देखा था। वे अपनी कार से बाहर निकले और भीड़ को हिंसा के लिए उकसाया। इसके बाद भीड़ ने गुरुद्वारे में आग लगा दी, दुकानों में लूटपाट की और सिख समुदाय के 3 लोगों की हत्या कर दी। गवाह ने आगे बताया कि ये देखने के बाद वो अपने घर लौट आया, लेकिन डर की वजह से वो पड़ोसी के घर में जाकर छिप गया। सीबीआई ने कहा कि जांच के दौरान पर्याप्त सबूत मिले हैं कि हिंसा के दौरान कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर वहां मौके पर मौजूद थे।





गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं टाइटलर- सीबीआई 





सीबीआई ने अदालत में टाइटलर को जमानत दिए जाने का विरोध किया। सीबीआई की ओर से अदालत में पेश हुए वकील एचएस फुल्का ने कहा कि गवाह बहुत हिम्मत दिखाकर आगे आए हैं। यदि आरोपी को जमानत मिली तो गवाहों को प्रभावित करने की संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता। वहीं दिल्ली की राउज एवेन्यू अदालत ने बीते शुक्रवार 4 अगस्त को सिख विरोधी दंगों के आरोपी कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर को सशर्त अग्रिम जमानत दे दी थी। स्पेशल जज विकास ढुले ने कहा कि टाइटलर अदालत की इजाजत के बिना देश से बाहर नहीं जा सकेंगे। साथ ही वे मामले से जुड़े सबूतों के साथ छेड़छाड़ नहीं करेंगे।





पीएम इंदिरा की हत्या के बाद भड़के थे दंगे





31 अक्टूबर 1984 को भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद दिल्ली में सिख विरोधी दंगे भड़के थे। सीबीआई ने बताया कि नवंबर 1984 में दिल्ली के आजाद मार्केट में पुल बंगशश गुरुद्वारा को हिंसक भीड़ ने आग लगा दी थी। पुल बंगश गुरुद्वारा के पास 3 सिख बादल सिंह, ठाकुर सिंह, गुरचरन सिंह को भीड़ ने जलाकर मार डाला था। सिख विरोधी दंगों की जांच के लिए भारत सरकार ने साल 2000 में जस्टिस नानावटी कमीशन बनाया था।



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