अब पेंशनधारकों को पेंशन जारी रखने के लिए साल के नवंबर महीने में अपना जीवित प्रमाण पत्र अनिवार्य रूप से जमा करना होता है। पेंशनधारकों के लिए डिजिटल माध्यम से जीवित प्रमाण पत्र जमा किए जाने के तरीके को बढ़ावा देने के मकसद से केंद्र सरकार एक नवंबर से एक महीने का अभियान शुरू करने जा रही है। पेंशनधारकों को पेंशन चालू रखने के लिए नवंबर में अपना जीवित प्रमाण पत्र जमा करना होता है।
1 से 30 नवंबर तक चलेगा अभियान
कार्मिक मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि पेंशन एवं पेंशनधारक कल्याण विभाग (डीओपीपीडब्ल्यू) तीसरा राष्ट्रव्यापी डिजिटल जीवित प्रमाण पत्र अभियान शुरू करने जा रहा है। यह अभियान 1 से 30 नवंबर तक भारत के 800 जिलों व शहरों में आयोजित किया जाएगा।
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चेहरा मिलान तकनीक को मिलेगा बढ़ावा
यह भी पेंशनधारकों के लिए चेहरा मिलान की तकनीक को बढ़ावा देने पर जोर दिया जाएगा। इस अभियान के दौरान इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय तथा भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण पूरी तरह से तकनीकी सहायता प्रदान करेंगे।
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बुजुर्गों के लिए चेहरा प्रमाणीकरण होगा सुविधाजनक
बताया गया है कि चेहरा मिलान प्रमाणीकरण बुजुर्ग पेंशनधारकों के लिए अधिक सहज और सुविधाजनक बनाया गया है। इसके लिए कहा गया है कि भारतीय डाक भुगतान बैंक (आईपीपीबी) 1.8 लाख पोस्टमेनों और ग्रामीण डाक सेवकों के माध्यम से 785 जिलों में शिविर आयोजित करेगा।
750 से अधिक स्थानों पर लगेगा शिविर
पेंशनधारकों के लिए आईपीपीबी घर-घर में डीएलसी सेवाएं प्रदान करेगा। यह सुविधा देश के सभी पेंशनधारकों के लिए उपलब्ध होगी, चाहे उनके पेंशन खाते किसी भी बैंकों में क्यों न हों। बताया गया है कि 19 पेंशन वितरण बैंक करीब 150 शहरों में 750 से अधिक शिविर लगाएंगे।
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सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन आय का मुख्य स्त्रोत
बताया गया है कि वरिष्ठ नागरिकों के लिए सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन आय का एक महत्वपूर्ण स्त्रोत है। यह जीवन के इस पड़ाव में उन्हें आर्थिक रूप से सक्षम बनाकर उनकी ज़रूरतें पूरी करने में और आपातकालीन परिस्थितियों में मदद करती हैं। जीवन प्रमाण-पत्र पाने के लिए पेंशनभोगी को अधिकृत पेंशन संवितरण एजेंसी में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहना पड़ता है या फिर जिस कार्यालय में वह काम करते थे वहाँ के प्राधिकारी द्वारा जारी किया गया जीवन प्रमाण-पत्र संवितरण एजेंसी को उपलब्ध कराना पड़ता है।
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पेंशनभोगियों के लिए सुविधाजनक और आसान बनाना
यह भी पता चला है कि ऐसे पेंशनधारकों को समस्या होती है जो वृद्ध और शारीरिक रूप से कमज़ोर हैं और जो जीवित प्रमाण-पत्र प्राप्त करने के लिए हर समय प्रमाणन प्राधिकारी के समक्ष व्यक्तिगत रूप से उपस्थित नहीं रह सकते। ऐसे में जीवन प्रमाण-पत्र की पूरी प्रक्रिया को उनके लिए सुविधाजनक और आसान बनाना है।
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