जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल को मिली दिल्ली के LG को जैसी शक्तियां, केंद्र सरकार का बड़ा फैसला

केंद्र सरकार ने दिल्ली के एलजी की तरह जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल की शक्तियां बढ़ा दी है। अहम बात ये है कि केंद्र सरकार ने ये फैसला जल्द संभावित विधानसभा चुनावों से ठीक पहले लिया है।

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Vikram Jain
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Central government increased powers Lieutenant Governor Jammu and Kashmir
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NEW DELHI. जम्मू कश्मीर में संभावित विधानसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। केंद्रीय गृहमंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 में संशोधन करते हुए उपराज्यपाल मनोज सिंहा की शक्तियां बढ़ा दी है। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल को भी अब दिल्ली के एलजी की तरह की प्रशासनिक शक्तियां दी जाएंगी। यहां भी सरकार बिना एलजी के अनुमति के ट्रांसफर पोस्टिंग नहीं कर सकेगी। जा फैसले के बाद राज्य में किसी की भी सरकार बने, लेकिन अहम फैसले लेने की शक्तियां LG के पास ही रहेंगी।

जम्मू-कश्मीर को लेकर केंद्र सरकार का फैसला

गृह मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 की धारा 55 के तहत संशोधित नियमों को अधिसूचित किया है। जिसमें एलजी को अधिक शक्ति देने वाली नई धाराएं शामिल की गई हैं। हालांकि जब से जम्मू कश्मीर का पुनर्गठन हुआ है तब से वहां चुनाव नहीं हुए हैं। अब जब भी चुनाव होंगे और सरकार का गठन होगा तो चुनी हुई सरकार से ज्यादा शक्तियां उपराज्यपाल के पास रहेंगी।

संशोधित नियमों के बाद जोड़े गए पॉइंट

1. 42ए- कोई भी प्रस्ताव जिसके लिए अधिनियम के तहत ‘पुलिस’, ‘सार्वजनिक व्यवस्था’, ‘अखिल भारतीय सेवा’ और ‘भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो’ (ACB) के संबंध में वित्त विभाग की पूर्व सहमति जरूरी है, तब तक स्वीकृत या अस्वीकार नहीं किया जाएगा जब तक कि इसे मुख्य सचिव के माध्यम से उपराज्यपाल के समक्ष नहीं रखा जाता है। 

2. 42बी- अभियोजन स्वीकृति देने या अस्वीकार करने या अपील दायर करने के संबंध में कोई भी प्रस्ताव विधि विभाग द्वारा मुख्य सचिव के माध्यम से उपराज्यपाल के समक्ष रखा जाएगा।

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केंद्र सरकार के फैसले पर उमर अब्दुल्ला की प्रतिक्रिया

केंद्र सरकार के इस फैसले को लेकर जम्मू-कश्मीर के नेताओं ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा कि एक और संकेत है कि जम्मू-कश्मीर में चुनाव नजदीक हैं। यही कारण है कि जम्मू-कश्मीर के लिए पूर्ण, अविभाजित राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए समय सीमा निर्धारित करने की दृढ़ प्रतिबद्धता इन चुनावों के लिए एक शर्त है। जम्मू-कश्मीर के लोग शक्तिहीन, रबर स्टाम्प CM से बेहतर के हकदार हैं, जिन्हें अपने चपरासी की नियुक्ति के लिए भी LG से भीख मांगनी पड़ेगी।

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