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DELHI. देश में एच3एन2 (H3N2) इन्फ्लूएंजा का खतरा बढ़ता जा रहा है। शुक्रवार 10 मार्च को इस वायरस से मौत की पुष्टि हुई। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, दो लोगों की जान गई है। कर्नाटक और हरियाणा में एक-एक शख्स की मौत हुई है। मंत्रालय ने कहा कि वो एच3एन2 इन्फ्लूएंजा को लेकर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों पर एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम के जरिए कड़ी निगरानी रख रहा है।
देश में कोविड-19 का खौफ अभी पूरी तरह से थमा भी नहीं था कि एक और जानलेवा वायरस की एंट्री हो गई है। सूत्रों के मुताबिक H3N2 वायरस से देश में दो मौत के मामले रिपोर्ट हुए हैं इसके साथ ही इस वायरस से संक्रमित होने वाले लोगों की संख्या 90 हो गई है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में इसे लेकर माथापच्ची शुरू हो गई है और रोकथाम के उपायों को लेकर कोशिशें तेज कर दी गई हैं। उत्तर भारत में इस बीमारी के अधिक मामले आ रहे हैं। खासकर दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में इसके मरीज अधिक देखने को मिले हैं। इसके साथ ही देश के दक्षिणी हिस्से कर्नाटक में भी इसके मरीज मिले हैं। कर्नाटक और हरियाणा में तो इससे मौतें भी हुई है।
स्वास्थ्य मंत्री ने ली बैठक
मंत्रालय ने कहा, ''मौसमी इंफ्लूएंजा के मामले मार्च के अंत तक घटने की उम्मीद है। छोटे बच्चों, पहले से अन्य रोगों से पीड़ित वृद्ध व्यक्तियों को मौसमी इंफ्लूएंजा का अधिक खतरा है।'' इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने बैठक की। उन्होंने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा, ''राज्यों को अलर्ट रहने और स्थिति की बारीकी से निगरानी करने के लिए एडवाइजरी जारी की गई है, केंद्र सरकार स्थिति से निपटने के लिए राज्यों के साथ मिलकर काम कर रही है और सभी स्वास्थ्य उपायों के लिए तत्पर है।''
देश में #H3N2 इन्फ्लुएंजा वायरस के बढ़ते मामलों को लेकर समीक्षा बैठक की।
राज्यों को अलर्ट रहने और स्थिति की बारीकी से निगरानी करने के लिए एडवाइजरी जारी की गई है।
केंद्र सरकार स्थिति से निपटने के लिए राज्यों के साथ मिलकर काम कर रही है और सभी स्वास्थ्य उपायों के लिए तत्पर है। https://t.co/VKQKPBu1ew
— Dr Mansukh Mandaviya (@mansukhmandviya) March 10, 2023
कब आया पहला मामला?
एच3एन2 से मौत का पहला मामला कर्नाटक के हासन जिले में आया। राज्य में इस संक्रमण से मौत का यह पहला केस था। हासन के जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि एक मार्च को 82-वर्षीय हिरे गौड़ा की ‘एच3एन2’ से की मौत हो गई। गौड़ा (82) की एक मार्च को एच3एन2 वायरस से मौत हुई। स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि गौड़ा को डायबिटीज था और उच्च रक्तचाप की समस्या भी रहती थी। उन्हें 24 फरवरी को अस्पताल में भर्ती कराया गया था और एक मार्च को उनकी मृत्यु हो गई। टेस्ट के लिए भेजे गए नमूने में पुष्टि हुई कि वह ‘एच3एन2’ से संक्रमित थे।
कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री ने कुछ दिन पहले बैठक की थी
हरियाणा में एच3एन2 वायरस से जान गंवाने वाले 56 वर्षीय शख्स को फेफड़ों का कैंसर था। उसमें एच3एन2 की पहचान इसी साल जनवरी में हुई थी। हरियाणा के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने बताया कि वो जींद जिले के रहने वाले थे। कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री के. सुधाकर ने कुछ दिन पहले ही ‘एच3एन2’ के बढ़ते मामलों के मद्देनजर अधिकारियों के साथ एक बैठक की थी। सुधाकर के अनुसार, केंद्र सरकार ने अपने दिशा-निर्देशों में हर हफ्ते 25 टेस्ट करने और विभाग को उपस्वरूप पर नजर रखने को कहा है।
हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि H3N2 इनफ्लुएंजा वायरस के लक्षण दिखते ही फौरन ये करें
- आरटीपीसीआर टेस्ट कराना चाहिए।
क्या हैं लक्षण
H3N2 वायरस से संक्रमित मरीजों में खांसी, बुखार, ठंड लगना, सांस फूलना और घबराहट की शिकायत हो सकती है। इसके साथ ही कुछ मरीजों में गले में खराश, शरीर में दर्द और दस्त की भी शिकायत मिली है। बड़ी परेशानी की बात ये हैं कि ये सभी लक्षण लंबे समय तक बने रहते हैं।
कैसे करें बचाव
इंडियन कांउसिल आफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने नियमित रूप से हाथ धोने और मास्क लगाने की सलाह दी है। ये सभी सलाह कोविड से मिलते जुलते हैं। इसके साथ ही खान पान में बहुत सारे तरल पदार्थ, आंख और नाक को छूने से बचने और बुखार और शरीर में दर्द के लिए पेरासिटामोल के सेवन का आग्रह किया है। कमजोर इम्यूनिटी वाले वयस्क, बुजुर्ग और छोटे बच्चों में ये ज्यादा घातक है।