लेटरल एंट्री विज्ञापन को रद्द करने के लिए केंद्र ने UPSC चेयरमैन को लिखा पत्र

कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के मंत्री ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशों के अनुसार लेटरल एंट्री विज्ञापन को रद्द करने के लिए अध्यक्ष यूपीएससी को पत्र लिखा है।

Advertisment
author-image
Deeksha Nandini Mehra
एडिट
New Update
लेटरल एंट्री विज्ञापन को रद्द करने के लिए केंद्र ने UPSC चेयरमैन को लिखा पत्र
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

Lateral Entry Advertisement : केंद्र सरकार ने लेटरल एंट्री के जरिए होने वाली भर्ती को रद्द करने का बड़ा फैसला लिया है। DoPT मंत्री ने UPSC प्रमुख को पत्र लिखकर नौकरशाही में लेटरल एंट्री के नोटिफिकेशन को रद्द करने को कहा है। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशों के अनुसार लेटरल एंट्री विज्ञापन को रद्द करने के लिए UPSC के चेयरमैन को पत्र लिखा है।

संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने शनिवार 17 अगस्त को एक विज्ञापन जारी कर केंद्र सरकार के 24 मंत्रालयों में संयुक्त सचिव, निदेशक और उप सचिव के पदों पर लेटरल भर्ती के लिए प्रतिभाशाली और प्रेरित भारतीय नागरिकों के लिए आवेदन मांगे थे।

 

कार्मिक मंत्री ने पत्र में कहा कि सरकार ने यह फैसला लेटरल एंट्री के व्यापक पुनर्मूल्यांकन के तहत लिया है। इस पत्र में कहा गया है कि अधिकतर लेटर एंट्रीज 2014 से पहले की थी और इन्हें एडहॉक स्तर पर किया गया था। प्रधानमंत्री का विश्वास है कि लेटरल एंट्री हमारे संविधान में निहित समानता और सामाजिक न्याय के सिद्धांतों के समान होनी चाहिए, विशेष रूप से आरक्षण के प्रावधानों के संबंध में।

राहुल गांधी ने किया था विरोध 

लेटरल भर्ती में कैंडिडेट्स बिना UPSC की परीक्षा दिए रिक्रूट किए जाते हैं। इसमें आरक्षण के नियमों का भी फायदा नहीं मिलता है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इसका विरोध करते हुए कहा था कि महत्वपूर्ण पदों पर लेटरल एंट्री के जरिए भर्ती कर खुलेआम SC, ST और OBC वर्ग का आरक्षण छीना जा रहा है। 

UPSC में लेटरल एंट्री क्या है 

UPSC में लेटरल एंट्री एक प्रक्रिया है जिसके तहत निजी क्षेत्र, सार्वजनिक क्षेत्र, और शिक्षाविदों में विशेषज्ञता रखने वाले अनुभवी पेशेवरों को सीधे उच्च पदों पर भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) या अन्य केंद्रीय सेवाओं में भर्ती किया जाता है।

UPSC में लेटरल एंट्री का उद्देश्य 

इस प्रक्रिया का उद्देश्य सरकार में विशेषज्ञता और अनुभव को शामिल करना है, जो पारंपरिक UPSC सिविल सेवा परीक्षा के माध्यम से भर्ती होने वाले उम्मीदवारों में नहीं मिल पाता।

लेटरल एंट्री के तहत उम्मीदवारों को संयुक्त सचिव, अतिरिक्त सचिव, या अन्य उच्च पदों पर नियुक्त किया जा सकता है। यह प्रक्रिया खासतौर पर उन पदों के लिए होती है जहाँ विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है, जैसे अर्थशास्त्र, वित्त, ऊर्जा, इंफ्रास्ट्रक्चर, या स्वास्थ्य से जुड़े क्षेत्र। इस प्रक्रिया के माध्यम से नियुक्तियों का उद्देश्य नीतियों और कार्यक्रमों को प्रभावी ढंग से लागू करने में मदद करना है।

लेटरल एंट्री के तहत उम्मीदवारों का चयन एक इंटरव्यू या स्क्रूटनी के माध्यम से किया जाता है, और इस प्रक्रिया में सामान्य UPSC सिविल सेवा परीक्षा का हिस्सा नहीं होता।

UPSC में लेटरल एंट्री की शुरुआत

ऐसा नहीं है कि लेटरल एंट्री प्रक्रिया पहली बार हो रही है। इससे पहले की सरकारों ने भी अपने मन मुताबिक लेटरल एंट्री दी है। मौजूदा सरकार ने इस प्रक्रिया को सर्वजानिक तौर पर ओपन कर दिया। 

thesootr links

द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

संघ लोक सेवा आयोग UPSC Lateral Entry Advertisement लेटरल एंट्री विज्ञापन lateral entry upsc what is lateral entry in upsc