CHANDIARH. चंडीगढ़ में बीजेपी के मेयर बने मनोज सोनकर ने रविवार (18 फरवरी ) देर रात अपने पद से इस्तीफा (Chandigarh Mayor resigns)दे दिया है। इसकी पुष्टि चंडीगढ़ बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष अरुण सूद ने की है। आज यानी सोमवार, 19 फरवरी को चंडीगढ़ मेयर चुनाव में धांधली के मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई भी होनी है।
वहीं, आम आदमी पार्टी (AAP) के 3 पार्षदों ने रविवार रात दिल्ली पहुंचकर बीजेपी जॉइन कर ली है। पूनम देवी, नेहा मुसावत और गुरचरणजीत सिंह काला को पार्टी के जनरल सेक्रेटरी विनोद तावड़े ने बीजेपी की सदस्यता दिलाई। अब सोमवार की सुनवाई के बाद अगर सुप्रीम कोर्ट दोबारा मेयर चुनाव करवाने का आदेश देती है, तो BJP की जीत लगभग तय होगी।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज
सुप्रीम कोर्ट में आज होने वाली सुनवाई I.N.D.I.A गठबंधन के मेयर पद के उम्मीदवार कुलदीप कुमार टीटा की तरफ से दायर की गई याचिका पर होगी। गठबंधन ने BJP पर आरोप लगाया है कि चंडीगढ़ के मेयर चुनाव में चुनाव अधिकारी अनिल मसीह ने वोटों की गिनती में धांधली की। जिससे BJP ने धोखे से अपना मेयर बनाया है।
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चुनाव दोबारा हुए तो बदलेंगे समीकरण
AAP के 3 पार्षदों के बीजेपी में आने के बाद नगर निगम में पूरी तरह समीकरण बदल जाएंगे। एक सांसद को मिलाकर पहले से ही BJP के पास 15 वोट हैं। 3 AAP पार्षदों के BJP जॉइन करने से यह आंकड़ा 18 हो गया। एक अकाली दल का वोट मिला कर ये संख्या 19 हो जाएगी। ऐसे में अगर सुप्रीम कोर्ट से मेयर चुनाव दोबारा करवाने को लेकर फैसला आता है तो बीजेपी पूर्ण बहुमत के साथ अपना मेयर बना लेगी।
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नए पार्षदों में से चुना जा सकता है मेयर
चंडीगढ़ मेयर की कुर्सी अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व है। इसलिए, BJP की तैयारी है कि सोनकर के इस्तीफे के बाद इस कुर्सी का दावेदार उन 3 नामों में से एक को बनाया जाए, जो AAP से छूटकर पार्टी में शामिल हुए हैं। इनमें 2 महिला पार्षदों में से एक को मेयर की कुर्सी मिल सकती है।
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सुप्रीम कोर्ट ने मेयर चुनाव धांधली केस में सख्त टिप्पणी की थी
पिछली सुनवाई के दौरान SC ने इस मामले में सख्त टिप्पणी की थी। अदालत ने नोटिस जारी कर प्रशासन से इस पर जवाब मांगा था। आज प्रशासन मेयर चुनाव को लेकर अदालत में अपना जवाब दाखिल करेगा। अदालत ने रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह की तरफ से 8 वोटों को इनवैलिड करने पर इसे लोकतंत्र की हत्या बताया था। इसके अलावा चुनाव अधिकारी अनिल मसीह को भी व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने को कहा था।
8 वोट इनवैलिड होने पर 16 वोटों से जीत चुकी है बीजेपी
चंडीगढ़ में 30 जनवरी को मेयर चुनाव हुए थे, जहां AAP और कांग्रेस ने I.N.D.I.A. के तहत चुनाव लड़ा था। इसमें 16 वोटों के समर्थन के बावजूद BJP जीत गई थी, क्योंकि प्रिसाइडिंग ऑफिसर ने I.N.D.I.A. के 8 वोटों को रद्द कर दिया था।
इसके बाद AAP ने BJP पर चुनाव में धांधली का आरोप लगाया था और दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल ने प्रिसाइडिंग ऑफिस का एक वीडियो भी शेयर किया था। इसमें दावा किया था कि ऑफिसर ने गलत तरीके से वोट रद्द किए हैं।
विपक्ष ने अदालत में रखे वीडियो सबूत
विपक्ष ने सुप्रीम कोर्ट के सामने वीडियो सबूत रखे थे। यह वीडियो मेयर चुनाव के दौरान असेंबली हॉल में लगे कैमरों में कैद हुए थे। विपक्ष ने दलील दी थी कि वीडियो में रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह जानबूझकर विपक्ष के वोटों को इनवैलिड करते हुए दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने बैलट पेपर के साथ टेंपरिंग कर वोटों को खराब किया है।
हाईकोर्ट से नहीं मिली थी राहत
सुप्रीम कोर्ट जाने से पहले विपक्ष 30 तारीख को ही हाईकोर्ट गया था। हाईकोर्ट में उन्होंने मेयर चुनाव पर स्टे लगाने और दोबारा से चुनाव कराने की याचिका लगाई थी, लेकिन हाईकोर्ट ने प्रशासन से जवाब मांगते हुए इस मामले में 26 फरवरी को सुनवाई के लिए अगली तारीख तय कर दी थी। इसके बाद विपक्ष सर्वोच्च अदालत गया था। आज सर्वोच्च अदालत इस मामले में दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद कोई फैसला ले सकती है।