चारधाम यात्रा : 12 दिन में 42 की गई जान, वजह सांस लेने में दिक्कत

देश-दुनिया। चारधाम यात्रा के दौरान 12 दिनों में 42 यात्रियों की मौत हो गई। सचिवालय स्थित कंट्रोल रूम से यह डाटा जारी किया गया। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार कपाट खुलने के बाद से अब तक केदारनाथ में सबसे ज्यादा 19 श्रद्धालुओं की मौत हुई...

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Jitendra Shrivastava
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चारधाम यात्रा : गंगोत्री, यमुनोत्री और केदारनाथ समेत चारधाम में तीर्थ यात्री दर्शन करने पहुंच रहे हैं। देश के सभी राज्यों से श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिल रही है, लेकिन एक चिंता करने वाली खबर भी सामने आई है। 10 मई से शुरू चारधाम यात्रा में तीर्थ यात्रियों की मौत भी हो रही है। चारधाम यात्रा में 12 दिन में 42 यात्रियों की मौत हो गई। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र की ओर से सचिवालय स्थित कंट्रोल रूम से यह डाटा जारी किया गया।

स्क्रीनिंग के बावजूद कई यात्री छिपा रहे बीमारी

कपाट खुलने के बाद अब तक केदारनाथ में सबसे ज्यादा 19 तीर्थयात्रियों की मौत हुई है। इसके बाद यमुनोत्री में 12, बद्रीनाथ में नौ और गंगोत्री में दो श्रद्धालुओं की जान जा चुकी है। इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग के अफसरों का कहना है कि यात्रा के दौरान जान गंवाने वालों में अधिकांश बुजुर्ग और पहले से किसी बीमारी से ग्रसित लोग थे। हालांकि, यात्रा से पूर्व तीर्थयात्रियों की स्क्रीनिंग की जा रही है। विभाग के अनुसार, करीब डेढ़ लाख श्रद्धालुओं की अभी तक स्क्रीनिंग कराई जा चुकी है। इसके बावजूद कई तीर्थयात्री बीमारी छिपाकर यात्रा के लिए पहुंच रहे हैं। मालूम हो विभाग चारधाम यात्रियों के लिए एडवाइजरी जारी कर चुका है। इसके तहत यात्रा पर आने से पहले अनिवार्य रूप से स्वास्थ्य परीक्षण कराने और बीमार होने पर यात्रा न करने की सलाह दी गई है।

पैदल मार्ग में ऑक्सीजन सिलेंडर और जीवन रक्षक दवा रखने के निर्देश

तीर्थयात्रियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने के लिए निदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य (गढ़वाल) डॉ. शिखा जंगपांगी ने अस्पतालों का निरीक्षण किया। केदारनाथ के साथ ही जनपद यात्रा मार्ग के चिकित्सालयों, चिकित्सा राहत केंद्रों और पंजीकरण केंद्रों का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने विभागीय अधिकारियों को पैदल यात्रा मार्ग पर हर समय पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन सिलेंडर और जीवन रक्षक दवा रखते हुए प्रभावी निगरानी के निर्देश दिए। स्वास्थ्य निदेशक ने जिला चिकित्सालय, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और स्क्रीनिंग प्वाइंट का निरीक्षण किया। उन्होंने तीर्थयात्रियों से भी बातचीत की। निदेशक ने अगस्त्यमुनि, काकड़ागाड, सोनप्रयाग में दो तथा 5 हैलीपैड पर स्थापित स्क्रीनिंग प्वाइंटों का निरीक्षण भी किया। स्क्रीनिंग प्वाइंट पर 50 से अधिक उम्र के यात्रियों का स्क्रीनिंग पंजीकरण बढ़ाने के निर्देश दिए। 

दिल-सांस के मरीजों और बुजुर्गों को ज्यादा परेशानी

उत्तराखंड में केदारनाथ, बदरीनाथ सहित चारों धाम समुद्र तल से काफी ऊंचाई पर स्थित हैं। ऐसे में देश-विदेश से आ रहे श्रद्धालुओं को स्वास्थ्य से संबंधित परेशानी का सामना करना पड़ता है। ऊंचाई वाले इलाकों में ऑक्सीजन की कमी की वजह से विशेषकर दिल, सांस और बुजुर्गों की परेशानी भी बढ़ जाती है।

चारधाम यात्रा के दौरान इन बातों का रखें ख्याल...  

  1. चारधाम यात्रा के लिए कम से कम सात दिन का टूर बना सकते हैं।
  2. जरूरी दवाएं, स्वास्थ्य उपकरण और गर्म कपड़े अनिवार्य रूप से अपने साथ रखें।
  3. चारधाम यात्रा पर निकलने से पहले प्रत्येक दिन 10 मिनट तक सांस से जुड़े व्यायाम करें।
  4. कुछ दिनों तक लोग 30 घंटे तक टहलें या सैर पर निकलें।
  5. चारधाम आने से पहले डॉक्टर से संपर्क करें। डॉक्टर की मनाही पर इस यात्रा पर आने से बचें।
  6. सांस में दिक्कत, बात करने में कठिनाई, लगातार खांसी, उल्टी, चक्कर और त्वचा ठंडी होने पर डॉक्टर को जरूर दिखाएं।
  7. चारधाम का मौसम संबंधी अपडेट लेते रहें। साथ ही, यात्रा रूट पर बने हेल्थ पोस्ट की जानकारी रखें।
  8. शराब, कैफीनयुक्त ड्रिंक्स, नींद की गोलियां, धूम्रपान, शक्तिशाली दर्द निवारक दवाओं का सेवन न करें।
  9. चारधाम यात्रा के दौरान कम से कम दो लीटर तरल पदार्थ पीएं और भरपूर पौष्टिक आहार भी लें।

बिना पंजीकरण यात्रियों को नहीं भेजेंः रतूड़ी

हर श्रद्धालु के लिए पंजीकरण अनिवार्य है। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र जारी करते हुए यात्रा में व्यवस्था बनाने को सहयोग करने को कहा। अपील की है कि सभी राज्य अपने यहां पंजीकरण होने के बाद ही यात्रा शुरू करने का प्रचार प्रसार करें। ताकि श्रद्धालु बिना पंजीकरण के अपने राज्यों से रवाना न हों। सरकार ने चारधाम यात्रा पर आने वाले सभी तीर्थयात्रियों के लिए पंजीकरण को अनिवार्य किया है। फिलहाल हरिद्वार और ऋषिकेश में ऑफलाइन पंजीकरण भी 31 मई तक बंद है। ऐसे में अब ऑनलाइन पंजीकरण के बाद ही श्रद्धालु चारधाम यात्रा पर आ सकते हैं। तीर्थयात्रियों की सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखते हुए सरकार की ओर से यह कदम उठाया गया है।

मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने भी चारधाम यात्रा पर देश दुनिया से आने वाले श्रद्धालुओं की सुगम और सुविधाजनक यात्रा को लेकर व्यवस्था बनाने के निर्देश अफसरों को दिए हैं।

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