पूर्वी लद्दाख (Ladakh) में भारत और चीनी सेना के बीच डेढ़ साल से तनाव की स्थिति बनी हुई है। चीन की नापाक हरकतों को देखते हुए अब अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) से सटे बॉर्डर के भीतरी हिस्सों में सैन्य ड्रिल और तैनाती को लेकर भारत सतर्क है। भारतीय सेना ने सुरक्षा संबंधी किसी भी चुनौती से निपटने के लिए आपात योजना तैयार कर ली है। पूर्वी कमान के कमांडर ले. जनरल मनोज पांडे ने बताया कि चीन की PLA के सालाना ट्रेनिंग प्रोग्राम में गतिविधियां बढ़ी हैं, उसके सैनिकों को सीमावर्ती भीतरी इलाकों में तैनात किया जा रहा है।
सीमा पर गांव बसा रहा चीन
जनरल पांडे ने बताया कि सीमा के करीब चीन नए-नए गांव बसा रहा है। भारत इसके अनुसार रणनीति बना रहा है, क्योंकि आबादी वाले क्षेत्रों का इस्तेमाल सैन्य उद्देश्य के लिए हो सकता है। पूर्वी भारत के 1300 किमी लंबी एलएसी (lAC) पर सेना की तैयारियों का जायजा लिया और बताया कि भारतीय सेना का माउंटेन स्ट्राइक कोर अब पूरी तरह काम करने लगा है। चीन द्वारा पूर्वोत्तर भारत में भूटान के साथ कूटनीतिक रिश्ते बनाने की कोशिशों से भी भारत में चिंता है। चीन-भूटान में दशकों पुराने सीमा विवाद पर हुए समझौते पर सीधे कुछ न कहते हुए ले. जनरल ने उम्मीद जताई कि यह समझौता सरकारी अधिकारियों की नजर में होगा।
भारत की पुख्ता है तैयारी
बढ़ाई निगरानी: एलएसी व सीमा के भीतरी क्षेत्रों में भारत ने निगरानी बढ़ाई। सभी उपलब्ध संसाधनों का उपयोग।
आपात चुनौती के लिए तैनाती: सभी सेक्टरों में सुरक्षा संबंधी आपात चुनौतियों के मद्देनजर सैन्य तैनाती। आपात योजना का अभ्यास भी जारी।
आधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल: एलएसी पर दिन-रात निगरानी के लिए मानव रहित विमानों की तैनाती।
फोर्स: वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर इस समय 50 से 60 हजार सैनिक तैनात।