चायना की झल्लाहटः भारतीय पत्रकारों से डरा चीन वीजा अवधि बढ़ाने से कर रहा इनकार, चीनी पत्रकार पर कार्रवाई से झल्लाया

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Rajeev Upadhyay
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चायना की झल्लाहटः भारतीय पत्रकारों से डरा चीन वीजा अवधि बढ़ाने से कर रहा इनकार, चीनी पत्रकार पर कार्रवाई से झल्लाया

New Delhi. इंडिया को लेकर चायना रोजाना एक न एक कूटनीतिक चाल चल ही देता है। सीमा पर टेंशन के बीच अब चीन ने एक नई चाल चली है। चीन ने दो भारतीय पत्रकारों का वीजा फ्रीज कर दिया है। बताया जा रहा है कि ये दोनों पत्रकार छुट्टी पर इंडिया आए थे और जब वापस जाने लगे तो उन्हें चीन ने प्रवेश देने से मना कर दिया है। ड्रेगन ने यह कदम भारत सरकार के उस फैसले के बाद उठाया है, जिसमें इंडियन फॉरेन मिनिस्ट्री ने एक चीनी पत्रकार को देश छोड़ने के आदेश दिए थे। 




यह है मामला



बता दें कि बीते दिनों भारतीय विदेश मंत्रालय ने शिन्हुआ समाचार एजेंसी के एक संवाददाता को यह सूचना दे दी थी कि उसके वीजा को रिन्यू नहीं किया जाएगा। साथ ही उसे 31 मार्च तक चीन लौटने के लिए कहा गया था और इस मियाद में वह अपने देश लौट गए। सिन्हुआ संवाददाता के चीन वापस भेजे जाने के कई कारण सामने आए हैं। कुछ लोगों का मानना है कि वे 6 साल से भारत में थे और उनका कार्यकाल पूरा हो चुका था। वहीं कुछ लोगों का कहना है कि यहां वे कुछ संदिग्ध गतिविधियों में भी शामिल पाए गए, हालांकि इस पर कोई भी आधिकारिक बयान नहीं आया है। 




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  • माना जा रहा है कि विदेश मंत्रालय के इस फैसले के बाद ही चीन ने दो भारतीय पत्रकारों का वीजा फ्रीज कर दिया है। इसमें एक प्रसार भारती के प्रतिनिधि अंशुमन मिश्रा और दूसरे द हिंदू के संवाददाता अनंत कृष्णन शामिल हैं। दोनों बीते दिनों वेकेशन पर इंडिया आए थे। लौटते समय उन्हें यह खबर लगी कि चीन ने उनका वीजा फ्रीज कर दिया है। 




    चीन में अब सिर्फ दो भारतीय पत्रकार बचे 




    चीन में अब दो भारतीय पत्रकार ही रह गए हैं। इसमें प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (पीटीआई) के केजेएम वर्मा और हिंदुस्तान टाइम्स के सुतिर्थाे पैट्रानोबिस शामिल हैं। चीन के विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि वे अभी रुक सकते हैं।




    भारत में सरकारी संगठनों के लिए काम करने वाले चीनी पत्रकारों की संख्या सात साल पहले लगभग 14 थी। जुलाई 2016 में, भारत ने शिन्हुआ के तीन पत्रकारों को निष्कासित कर दिया। इनमें नई दिल्ली और मुंबई में संगठन के ब्यूरो प्रमुख भी शामिल थे। तब सुरक्षा एजेंसियों ने खुलासा किया था कि ये लोग पत्रकारिता के अलावा अन्य गतिविधियों में भी शामिल हैं। इसके बाद से भारत में चीनी पत्रकारों की संख्या लगातार घटती जा रही है। भारत में काम करने वाले एक अन्य चीनी पत्रकार का वीजा 2021 में नवीनीकृत नहीं किया गया था। वहीं, कई अन्य ने कोविड-19 महामारी के दौरान भारत छोड़ दिया था। बताया जाता है कि भारत में अब सिर्फ एक ही चीनी पत्रकार है। 


    China's fret China scared of Indian journalists refusing to extend visa period चायना की झल्लाहट भारतीय पत्रकारों से डरा चीन वीजा अवधि बढ़ाने से कर रहा इनकार