NEWDELHI. कोंचिंग सेंटर्स अब अपनी मनमानी नहीं कर सकेंगे। केंद्र सरकार ने देश के सभी प्राइवेट कोचिंग सेंटर्स के लिए गाइडलाइन जारी की है। अब इन कोचिंग सेंटर्स को रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। साथ ही कोचिंग सेंटर 16 साल के कम उम्र के बच्चों का एडमिशन नहीं कर सकेंगे। इसके अलावा किसी स्टूडेंट्स ज्यादा फीस भी नहीं ले सकेंगे। केंद्र सरकार ने ये गाइलाइन देश भर में हो रहे छात्रों के सुसाइड मामलों और कोचिंग सेंटर्स की मनमानी को देखते हुए जारी किया है। देश भर में प्राइवेट कोचिंग सेंटरों को रेगुलेट करने शिक्षा मंत्रालय ने जारी किया है।
कोचिंग सेंटर्स के लिए ये नए निर्देश जारी
नई गाइडलाइन के अनुसार प्रोफेशनल कोर्स के लिए ट्रेनिंग देने वाले कोचिंग सेंटर्स को अब नए दिशा निर्देशों के मुताबिक सुरक्षा मानदंडों के अलावा छात्रों को साइकोलॉजी और मेंटल हेल्थ सपोर्ट भी देंगे। बता दें कि कोचिंग सेंटर के रजिस्ट्रेशन और रेगुलेशन 2024 के लिए तैयार दिशा निर्देश सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को भेज दिए गए हैं। नेशनल लेवल पर अधिक फीस वसूलने वाले अनरेगुलेटेड प्राइवेट कोचिंग सेंटरों की बढ़ती संख्या और छात्रों पर अनुचित तनाव पैदा करने के बारे में चिंता व्यक्त की गई थी, जिसके परिणामस्वरूप छात्र आत्महत्याएं हुईं।
2023 में सबसे ज्यादा स्टूडेंट्स ने की खुदकुशी
जानकारी दे दें कि छात्रों के सुसाइड का यह मुद्दा पिछले साल नवंबर में सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था, जब एक परेशान माता-पिता अनिरुद्ध नारायण मालपानी ने राजस्थान के कोटा में युवाओं के सुसाइड को रोकने दिशा निर्देशों या किसी भी प्रकार के विनियमन की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। 2015 के बाद से सबसे अधिक, जहां 2023 में 26 आत्महत्या मौतें दर्ज की गईं थीं। शर्तों के किसी भी नियम और शर्तों के उल्लंघन के मामले में कोचिंग सेंटर पहले क्राइम के लिए 25,000, रुपए दूसरी बार उल्लंघन के लिए 1 लाख रुपए और इसके बाद भी अपराध के लिए रजिस्ट्रेशन रद्द करने के और जुर्माने के लिए उत्तरदायी होगा।
कोचिंग संस्थानों को लौटानी होगी फीस
फीस के संबंध में कहा गया है कि कोर्स की अवधि के दौरान फीस में बढ़ोतरी नहीं की जाएगी। इसके अलावा, यदि किसी छात्र ने पूरा भुगतान कर दिया है और कोर्स को बीच में ही छोड़ना चाहता है, तो छात्र को पाठ्यक्रम की शेष अवधि के लिए पैसा वापस कर दिया जाएगा। इसमें कहा गया है कि रिफंड में हॉस्टल और मेस फीस भी शामिल होगी।
5 घंटे से अधिक नहीं होगी पढ़ाई
किसी भी परिस्थिति में स्कूलों या संस्थानों में पढ़ने वाले छात्रों के वर्किंग घंटों के दौरान कोचिंग कक्षाएं आयोजित नहीं की जा सकतीं, जिससे उनकी नियमित उपस्थिति प्रभावित हो सकती है। नए निर्देशों में पाठ्यक्रम को एक दिन में 5 घंटे से अधिक नहीं छात्रों और शिक्षकों को साप्ताहिक अवकाश दिया जाता है और साप्ताहिक अवकाश के बाद वाले दिन कोई मूल्यांकन परीक्षण नहीं दिया जाता है। त्योहारों के दौरान, कोचिंग सेंटर छात्रों को अपने परिवार के साथ जुड़ने और "भावनात्मक बढ़ावा" पाने में सक्षम बनाने के लिए "छुट्टियों को अनुकूलित" करेंगे।
मॉक टेस्ट से क्षमताओं का आकलन करना चाहिए
इंजीनियरिंग और मेडिकल संस्थानों में एडमिशन के विकल्पों के अलावा, दिशानिर्देशों में ऐसे सेंटर्स को छात्रों के बीच तनाव कम करने के लिए अन्य कैरियर विकल्पों के बारे में जानकारी देने और छात्रों की क्षमता का आकलन करने और छात्रों और अभिभावकों दोनों की अपेक्षाएं बताने के लिए मॉक टेस्ट आयोजित करने की जानी चाहिए। इसके अलावा, केंद्र के निर्देश छात्रों, अभिभावकों या ट्यूटर्स/कर्मचारियों द्वारा सक्षम राज्य प्राधिकारी को शिकायत के लिए 30 दिनों के भीतर समाधान देते हैं, जबकि कोचिंग सेंटर को भी सुनवाई का मौका मिलना चाहिए।
उप सचिव ने दिया आदेश
शिक्षा मंत्रालय के हायर एजुकेशन डिपार्टमेंट के उप सचिव देवेन्द्र कुमार शर्मा द्वारा जारी रिपोर्ट को आगे भेजते हुए पत्र में कहा गया है कि मुझे यह कहने का निर्देश दिया गया है कि देश में अनियमित निजी कोचिंग सेंटरों की संख्या किसी भी नियम के अभाव में बढ़ती जा रही है। ऐसे सेंटर्स द्वारा छात्रों से अत्यधिक फीस वसूलने, छात्रों पर अनुचित तनाव के कारण छात्रों द्वारा आत्महत्या करने, आग और अन्य दुर्घटनाओं के कारण बहुमूल्य जीवन का नुकसान, इन सेंटर्स द्वारा अपनाई जाने वाली कई अन्य कदाचार की घटनाएं मीडिया में रिपोर्ट की गई हैं।