Bangalore. कर्नाटक में कांग्रेस को लंबे समय बाद एक प्रचंड जीत हासिल हुई है। 224 विधायकों वाली कर्नाटक विधानसभा में कांग्रेस को 136 सीटें हासिल हो रही हैं। पार्टी अपने बूते पर बहुमत के साथ सत्ता में वापसी करने जा रही है। चुनाव प्रचार के दौरान वैसे तो राहुल गांधी ने 18 रैलियां की, प्रियंका गांधी ने 12 जगहों पर आमसभाएं लीं 8 रोड शो भी किए। उधर पार्टी अध्यक्ष खड़गे ने अपना प्रदेश होने के नाते 24 रैलियां की। साथ ही पार्टी के दिग्गज नेता डीके शिवकुमार और पूर्व सीएम सिद्धारमैया ने भी पूरी ताकत के साथ पार्टी की जीत को आकार दिया।
इन सभी बड़े चेहरों के पीछे कुछ ऐसे चेहरे सामने आए हैं जिन्होंने पर्दे के पीछे रहकर रणनीति बनाई और कांग्रेस की भव्य वापसी कराई है। इन चेहरों में कुछ पूर्व नौकरशाह हैं तो कोई डेटा एनालिस्ट भी है। चलिए हम बताते हैं कि वे 5 नाम कौन से हैं जिन्हें कर्नाटक की जीत का पंचरत्न कहा जा रहा है।
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सुनील कानुगोलू
सुनील कानूगोलू ऑल इंडिया लेवेल के कांग्रेस के स्ट्रैटेजिस्ट रहे हैं। सर्वेक्षण करने, चुनावी अभियान चलाने, उम्मीदवारों के चयन से लेकर रणनीति तैयार करने की महती भूमिका में रहे। बताया जा रहा है कि कानूगोलू ने राज्य की हरके सीट के लिए विशेष रणनीति तैयार की। बीजेपी और जेडीएस को घेरने का काम किया। कानुगोलू पीके यानि प्रशांत किशोर और अमित शाह के साथ भी काम कर चुके हैं। वहीं एम के स्टालिन का चुनाव अभियान संभालने का भी उन्हें अनुभव प्राप्त है।
शशिकांत सेंथिल
शशिकांत सेंथिल पूर्व नौकरशाह हैं जो 2008 बैच के आईएएस अफसर रहे, सेंथिल ने चुनावी राज्य में कांग्रेस वार रूम की कमान संभाली। वार रूम में रहकर ही सेंथिल ने पूरे चुनाव की रणनीति बनाई और नेताओं के बीच समन्वय बनाने की जिम्मेदारी को वहन किया।
रणदीप सिंह सुरजेवाला
साल 2020 में पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल की जगह सुरजेवाला को कर्नाटक की कमान सौंपी गई थी। सुरजेवाला ने न केवल आक्रामक चुनाव अभियान के साथ-साथ चुनाव प्रचार पर फोकस किया। बल्कि कांग्रेस की गुटबाजी को भी खत्म करने में काफी हद तक सफलता प्राप्त की। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान ही उन्होंने डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया को एक कर लिया था।
जी परमेश्वर
कर्नाटक कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व डिप्टी सीएम जी परमेश्वर ने कांग्रेस का घोषणा पत्र तैयार करने की टीम की अगुवाई की। इसके अलावा पार्टी की अनेक कमेटियों की भी कमान संभाली। उनके बनाए घोषणा पत्र ने पूरे देश का ध्यान कर्नाटक चुनाव की ओर आकर्षित कर लिया।
एमबी पाटिल
इन चारों के अलावा पांचवा नाम एमबी पाटिल का है। लिंगायत समुदाय से आने वाले पाटिल ने चुनाव प्रचार कमेटी की कमान संभाली। आक्रामक चुनाव प्रचार, जनसंपर्क, जनसभा और रोड शो का निर्धारण और कार्यान्वयन पाटिल के ही कंधों पर था।