Congress on Caste Census: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने हाल ही में जातिगत जनगणना के समर्थन में बयान दिया है, लेकिन इसे राजनीतिक लाभ के लिए नहीं करवाने की सलाह दी है। आरएसएस की इस टिप्पणी के अगले दिन, कांग्रेस ने सवाल उठाया है कि क्या संघ की हरी झंडी मिलने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) कांग्रेस की एक और गारंटी को हाइजैक कर जाति जनगणना (Caste Census) कराएंगे। कांग्रेस ने इस मुद्दे पर सरकार और संघ दोनों को घेरते हुए कुल पांच सवाल किए हैं।
क्या RSS के पास जातिगत जनगणना पर विशेषाधिकार है
आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने केरल के पलकक्ड में एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि संघ को जातिगत जनगणना पर कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन इसके आंकड़े लोगों के कल्याण के लिए उपयोग होने चाहिए, न कि चुनावी फायदे के लिए। इस बयान पर कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने प्रतिक्रिया दी है और सवाल किया है कि क्या आरएसएस के पास जातिगत जनगणना पर विशेषाधिकार है।
कांग्रेस के पांच सवाल
- क्या आरएसएस के पास जातिगत जनगणना पर विशेषाधिकार है?
- जाति जनगणना के लिए इजाजत देने वाला आरएसएस कौन है?
- जब आरएसएस कहता है कि जातिगत जनगणना का दुरुपयोग चुनाव प्रचार के लिए नहीं होना चाहिए, तो इसका क्या मतलब है?
- आरएसएस ने दलितों, आदिवासियों और ओबीसी के लिए आरक्षण की सीमा को हटाने की संवैधानिक संशोधन की आवश्यकता पर चुप्पी क्यों साध रखी है?
- अब जब आरएसएस ने हरी झंडी दिखा दी है, तो क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कांग्रेस की गारंटी को हाईजैक कर जातिगत जनगणना कराएंगे?
दलित-आदिवासियों की भागीदारी की चिंता नहीं - खड़गे
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी आरएसएस से सवाल पूछते हुए कहा कि संघ को स्पष्ट रूप से बताना चाहिए कि वह जातिगत जनगणना के पक्ष में हैं या इसके खिलाफ।कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाया कि संघ परिवार संविधान के बजाय मनुस्मृति के पक्ष में है और पूछा कि क्या उन्हें दलित, आदिवासी, पिछड़े वर्ग और गरीब-वंचित समाज की भागीदारी की चिंता नहीं है।
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