NEW DELHI. RBI द्वारा 19 मई को नोटबंदी 2.0 के बाद अब कांग्रेस ने मोदी सरकार पर तंज कसा है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम नोटबंदी को लेकर कांग्रेस नेता जयराम रमेश का तंज, 2016 में धूमधाम से पेश हुए 2000 के नोट अब लिए जा रहे वापस रमेश ने कहा- हमारे स्वयं-भू विश्वगुरु, पहले करते हैं, फिर सोचते हैं। 8 नवंबर 2016 के विनाशकारी तुगलकी फरमान के बाद इतनी धूमधाम से पेश किए गए 2000 रुपए के नोट अब वापस लिए जा रहे हैं।
आरबीआई ने जारी किया आदेश
रिजर्व बैंक ने शुक्रवार 19 मई को 2000 रुपए के नोट को चलन से वापस लेने का आदेश जारी किया। आदेश के मुताबिक ये नोट 30 सितंबर तक वैध बने रहेंगे। रिजर्व बैंक ने साल 2016 में हुई नोटबंदी के बाद रिजर्व बैंक ने 2000 रुपए के नोट को जारी किया था। 2000 रुपए के नोट एक बार में अधिकतम 10 नोट ही बदले जा सकेंगे।
एक बार फिर भूत कर रहा परेशान- पवन खेड़ा
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि 8 नवंबर 2016 का भूत एक बार फिर देश को परेशान करने के लिए वापस आ गया है। नोटबंदी का बहुत प्रचारित कदम इस देश के लिए एक बड़ी आपदा बना हुआ है। पीएम मोदी ने 2000 के नए नोटों के फायदों पर राष्ट्र को उपदेश दिया, आज जब छपाई बंद है तो उन सभी वादों का क्या हुआ? सरकार को इस तरह के कदम के पीछे अपनी मंशा बतानी चाहिए। सरकार अपने जन विरोधी और गरीब विरोधी एजेंडे को जारी रखे हुए हैं।
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23 मई के बाद बदल सकेंगे नोट
रिजर्व बैंक के मुताबिक 23 मई से 30 सितंबर तक 2 हजार रुपए के नोट को बैंकों और आरबीआई की 19 शाखों में बदल सकेंगे। आरबीआई ने बताया कि एक बार में 20,000 रुपए तक के 2,000 रुपए के नोट बदले सकेंगे। साल 2016 के नवंबर में सरकार ने नोटबंदी का ऐलान करते हुए 500 और 1000 के नोट बंद कर दिए थे और 2000 हजार रुपए के नोट लाए थे।
2016 चलन में आया था 2000 रुपए का नोट
भले ही देश में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले 500 और 1000 रुपये के नोट एकाएक चलन से बाहर हो गए और उनकी जगह 2000, 500 और 200 के नए नोटों ने ले ली। शुरुआती दौर में थोड़ी शिथिलता के बाद देश में नोटों का चलन साल-दर-साल फिर से बढ़ता ही गया है। नोटबंदी के सात साल के बाद भी देश में करेंसी नोटों के चलन में खासी तेजी देखने को मिल रही है। अब देश में कैश सर्कुलेशन करीब 80 फीसदी बढ़ चुका है। हालांकि, नोटबंदी जैसे फैसलों से लगे झटके से उबारने में डिजिटल पेमेंट या कैशलेस पेमेंट में भी खासी तेजी आई है, जो कोरोना काल से और भी बढ़ा है।