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New Delhi. प्रदेश हो या देश हर तरफ पुरानी पेंशन योजना को फिर लागू करने की मांग की जा रही है। कर्मचारी-अधिकारी यही दुहाई देते हैं कि राजनेता सांसदों और विधायकों यहां तक कि पूर्व जनप्रतिनिधियों की पेंशन बंद करने को लेकर कभी कोई नीति नहीं बनाते, केवल कर्मचारियों अधिकारियों की पेंशन से ही राजकोष पर बोझ बढ़ने का हवाला दिया जाता है। तो अब महाराष्ट्र से कांग्रेस सांसद सुरेश उर्फ बालू धनोरकर खुलकर मैदान में आए हैं। उन्होंने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को खत लिखा है, जिसमें उन्होंने ऐसे पूर्व सांसदों की पेंशन बंद करने की मांग की है, जो आर्थिक रूप से मजबूत हैं।
यह है खत का मजमून
वित्तमंत्री को लिखे खत में धनोरकर कहते हैं कि लोकसभा और राज्यसभा के 4796 पूर्व सांसद पेंशन ले रहे हैं। इनकी पेंशन पर हर साल 70 करोड़ रुपए खर्च हो जाते हैं। इनके अलावा 3 सैकड़ा पूर्व सांसद ऐसे हैं, जिनका देहावसान हो चुका है और उनके परिवार वालों को यह पेंशन मिल रही है। धनोरकर ने अपने पत्र में कुछ पूर्व सांसदों के नाम भी गिनाए हैं, जो आर्थिक रूप से काफी सशक्त हैं उसके बावजूद पेंशन ले रहे हैं। इनमें राहुल बजाज, संजय डालमिया, मायावती, सीताराम येचुरी, सिने अदाकारा रेखा, जया बच्चन, चिरंजीवी के अलावा मणिशंकर अय्यर के नाम शमिल हैं।
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धनोरकर ने यह भी सुझाव दिया है कि जो पूर्व सांसद आयकर के 30 फीसद टैक्स स्लेब में आते हैं, उन्हें पेंशन का लाभ नहीं दिया जाना चाहिए। उन्होंने खत में यह भी कहा है कि वे इस बात पर आश्वस्त हैं कि कोई भी देशभक्त पूर्व सांसद इस पर कोई आपत्ति नहीं उठाएगा।
कई पेंशन लेते हैं एक साथ
नियमों के मुताबिक कोई राजनेता पहले कभी विधायक के पद पर निर्वाचित हुआ होता है तो उसे विधायक की पेंशन मिलती है। बाद में ऐसा राजनेता यदि सांसद निर्वाचित होता है। तो कार्यकाल खत्म होने के उपरांत उसे सांसद और विधायक दोनों पेंशन मिलती हैं। नियमों के मुताबिक यदि राजनेता एक दिन के लिए भी सांसद या विधायक के पद पर रहता है तो भी वह पेंशन पाने का हकदार हो जाता है।