/sootr/media/post_banners/eb6c3a15385ec194eef0e45a5757e573eea3a15ba634b2d81c4d44e7264b39f7.jpeg)
New Delhi. देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को 2023-24 का केंद्रीय बजट पेश किया है। इस बजट पर विपक्षी नेताओं की ओर से मिली जुली प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। कुछ नेताओं ने बजट की तारीफ की तो कुछ ने इसे चुनावी बजट करार दिया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इसे जुमला बजट की संज्ञा दी है। खड़गे ने कहा कि यह बजट इस साल जो दो-चार राज्यों में चुनाव होने जा रहे हैं, उनको ध्यान में रखकर पेश किया गया है। उन्होंने कहा कि यह जुमला बजट है। महंगाई रोकने के लिए इस बजट में कुछ खास नहीं है। बेरोजगारी कम करने के लिए भी कोई योजना नहीं लाई गई। गरीब के लिए भी इस बजट में कुछ नहीं दिया गया।
मोदी की स्ट्रेटजी ‘ओवर प्रॉमिस, अंडर डिलीवर'-जयराम रमेश
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद जयराम रमेश बोले कि पिछले साल के बजट में कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा, मनरेगा और अनुसूचित जातियों के कल्याण के लिए किए गए आवंटन की सराहना की गई थी। आज जमीनी हकीकत सबके सामने है, आवंटित राशि की तुलना में व्यय काफी कम है। ये हेडलाइन मैनेजमेंट के लिए पीएम मोदी की ओवर प्रॉमिस, अंडर डिलीवर वाली स्ट्रेटजी है।
फारूख अब्दुल्ला ने की तारीफ
बजट पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूख अब्दुल्ला ने कहा कि बजट में मध्यम वर्ग को मदद दी गई है, सबको कुछ न कुछ दिया गया है। डेढ़ घंटे तक हमने बजट सुना। अब हम पूरा अध्ययन करने और चर्चा करने के बाद इस पर बात करेंगे।
वेणुगोपाल ने कहा फैंसी बजट
कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि यह बजट देश की वास्तविक भावना को संबोधित नहीं कर रहा है जो कि बेरोजगारी और महंगाई है। इसमें केवल फैंसी घोषणाएं हैं जो पहले भी की गई थीं। प्रधानमंत्री किसान योजना से सिर्फ बीमा कंपनियों को फायदा हुआ किसानों को नहीं।
शशि थरूर ने की तारीफ
कांग्रेस के कुछ नेताओं ने बजट की तारीफ भी की है। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि बजट में कुछ अच्छी चीजें हैं, लेकिन मनरेगा, गरीब ग्रामीण श्रम, रोजगार और महंगाई का कोई जिक्र नहीं था, कुछ बुनियादी सवालों के जवाब बाकी रह गए कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने कहा कि मैं कम टैक्स व्यवस्था में विश्वास करता हूं, इसलिए किसी भी टैक्स कटौती का स्वागत है क्योंकि लोगों के हाथों में अधिक पैसा देना अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने का सबसे अच्छा तरीका है।
ममता दी बोलीं जनविरोधी बजट
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने केंद्रीय बजट को जनविरोधी करार देते हुए कहा कि इसमें गरीबों का ध्यान नहीं रखा गया। उन्होंने दावा किया कि आयकर स्लैब में बदलाव से किसी की मदद नहीं होगी, उन्होंने कहा कि यह केंद्रीय बजट भविष्यवादी नहीं है और पूरी तरह से अवसरवादी, जनविरोधी व गरीब विरोधी है। यह केवल एक वर्ग के लोगों को लाभान्वित करेगा। यह बजट देश की बेरोजगारी के मुद्दे को हल करने में मदद नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि इसे 2024 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है।
- यह भी पढ़ें
केजरीवाल बोले-दिल्ली के साथ किया सौतेला व्यवहार
आप के राष्ट्रीय संजोयक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि बजट में महंगाई और बेरोजगारी की दोहरी समस्याओं से कोई राहत नहीं मिली है। दिल्ली के लोगों के साथ एक बार फिर सौतेला व्यवहार किया गया है, दिल्ली के लोगों ने पिछले साल 1.75 लाख करोड़ से ज्यादा का आयकर चुकाया था, उसमें से दिल्ली के विकास के लिये सिर्फ 325 करोड़ रुपये दिए गए। यह दिल्ली के लोगों के साथ घोर अन्याय है। उन्होंने कहा कि इस बजट में मंहगाई से कोई राहत नहीं है, उल्टे इस बजट से मंहगाई बढ़ेगी।
डिंपल यादव ने कहा यह चुनावी बजट है
समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव ने कहा कि यह चुनाव को ध्यान में रखकर पेश किया गया बजट है, जबकि मध्यम वर्ग को कुछ छूट दी गई है। सरकार ने किसानों, रोजगार और युवाओं के लिए एमएसपी के बारे में कुछ नहीं कहा है। इस बजट में रेलवे की भी अनदेखी की गई, यह निराशाजनक बजट रहा है।