आज कैलेंडर में तारीख 26 नवंबर है, इस दिन को हम संविधान दिवस के रूप में मनाते हैं। आज संविधान की 75वीं वर्षगांठ है। 26 नवंबर 1949 को संविधान को संविधान सभा द्वारा अपनाया गया था, और 26 जनवरी 1950 को इसे लागू किया गया। साल 2015 में, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने हर साल 26 नवंबर को 'संविधान दिवस' के रूप में मनाने की घोषणा की थी। इस दिन का उद्देश्य नागरिकों में संवैधानिक मूल्यों को बढ़ावा देना है।
सेंट्रल हॉल में मुख्य कार्यक्रम
इस खास मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पुरानी संसद के सेंट्रल हॉल में दोनों सदनों के सदस्यों को संबोधित करेंगी। कार्यक्रम का उद्घाटन लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला करेंगे। उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ भी विशेष संबोधन देंगे। इस कार्यक्रम में पीएम मोदी के अलावा केंद्रीय मंत्री भी शामिल होंगे। एक शॉर्ट फिल्म संविधान निर्माण और इसकी ऐतिहासिक यात्रा पर दिखाई जाएगी।
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सालभर चलने वाले समारोह की शुरुआत
- संविधान की 75वीं सालगिराह के उपलक्ष्य पर सालभर चलने वाले समारोह की शुरुआत की जाएगी।
- इस समारोह की टैगलाइन 'हमारा संविधान, हमारा स्वाभिमान' दिया गया है।
- राष्ट्रपति और अन्य गणमान्य लोग देश और विदेशों में संविधान की प्रस्तावना का सामूहिक पठन करेंगे।
विशेष स्मारक और प्रकाशन
- इस समारोह के दौरान कई नई पहल की जाएंगी।
- संविधान निर्माण और यात्रा पर दो पुस्तकों का विमोचन होगा।
- संविधान की कला पर आधारित पुस्तिका जारी की जाएगी।
- स्मारक सिक्का के साथ डाक टिकट का विमोचन किया जाएगा।
- संविधान की संस्कृत के अलावा मैथिली में प्रतियां भी जारी की जाएंगी।
कार्यक्रम में राज्यों के सीएम भी होंगे शामिल
सेंट्रल हॉल के अलावा, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में भी विशेष कार्यक्रम आयोजित होंगे। राज्यपाल, उपराज्यपाल, और मुख्यमंत्री इसमें शामिल होंगे। स्थानीय स्तर पर संवैधानिक मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
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संविधान स्वाभिमान यात्रा
इस खास मौके को लेकर केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने घोषणा की है कि संविधान के निर्माण में डॉ. बी.आर. अंबेडकर के योगदान को प्रचारित करने के लिए संविधान स्वाभिमान यात्रा निकाली जाएगी। यह यात्रा 14 अप्रैल 2024 से 28 अप्रैल 2024 तक चलेगी। पंचायतों और एससी/एसटी बहुल गांवों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। संविधान दिवस के इस खास मौके पर भारतीय लोकतंत्र की बुनियाद और इसके गौरवशाली इतिहास को सम्मानित किया जा रहा है।
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