संसद का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो गया है। यह सत्र 20 दिसंबर तक चलेगा। परंपरा के अनुसार पीएम मोदी ने पहले दिन संसद भवन परिसर में हंस द्वार के पास महत्वपूर्ण विषयों पर जानकारी दी। इसके बाद थोड़ी देर तक लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही चली और फिर दोनों सदनों की कार्यवाही बुधवार यानी 27 नवंबर सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। यहां आपको बता दें कि 26 नवंबर को संविधान दिवस की 75वीं वर्षगांठ है और इसी वजह से एक खास कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया है। यह कार्यक्रम संविधान भवन में होगा।
उपाध्यक्ष धनखड़ और कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे के बीच नोकझोंक
संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन उपाध्यक्ष जगदीप धनखड़ और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बीच नोकझोंक हुई। यह नोकझोंक गौतम अडानी के मुद्दे पर हुई। मल्लिकार्जुन खड़गे अडानी रिश्वत मामले में अपनी बात कहना चाहते थे, लेकिन नियमों के तहत उपाध्यक्ष जगदीप धनखड़ ने उन्हें उस मुद्दे पर बोलने से मना कर दिया। इस मुद्दे पर दोनों के बीच काफी देर तक नोकझोंक चलती रही, फिर खड़गे ने यह भी कहा कि मुझे मत सिखाइए। इसके बाद उपाध्यक्ष जगदीप धनखड़ नाराज हो गए। स्पीकर जगदीप धनखड़ ने मल्लिकार्जुन खड़गे से कहा कि वरिष्ठ सांसद होने के नाते आपको पता होगा कि मैं इस मुद्दे पर पहले ही बोल चुका हूं। मुझे आपसे सहयोग की उम्मीद है। इस पर मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि मेरा भी यहां 54 साल का करियर है, इसलिए मुझे इसमें सिखाने की जरूरत नहीं है।
स्पीकर ने कहा कि मल्लिकार्जुन खड़गे, आपके पास अन्य सांसदों की तुलना में अधिक अनुभव है और मैंने इसके लिए आपको सबसे अधिक बधाई दी है। लेकिन मुझे बुरा लगा। इसके बाद खड़गे ने कहा कि यह बहुत महत्वपूर्ण मुद्दा है। हम अडानी के रिश्वत मामले को स्पष्ट कर सकते हैं। इसका असर पूरे देश पर पड़ रहा है और प्रधानमंत्री मोदी उसका समर्थन कर रहे हैं।
अडानी मुद्दे को लेकर कई आवाजें उठी
इसके बाद स्पीकर धनखड़ ने कहा कि कोर्ट में कुछ नहीं चल रहा है। एक तरफ मल्लिकार्जुन खड़गे अडानी का मुद्दा उठा रहे थे, वहीं दूसरी तरफ स्पीकर जगदीप धनखड़ उन्हें इस मुद्दे पर बोलने से मना कर रहे थे। इसके बाद सदन में अडानी मुद्दे को लेकर कई आवाजें उठने लगीं। इसके बाद स्पीकर ने कहा कि मल्लिकार्जुन खड़गे का योगदान 54 साल का रहा है, इसलिए लोगों को भी इसका लाभ मिलना चाहिए।
पेश किए जाएंगे 16 विधेयक
सत्र के दौरान केंद्र सरकार कई महत्वपूर्ण विधेयकों को संसद से पारित कराने की कोशिश करेगी। इसमें वक्फ विधेयक समेत 16 विधेयक शामिल हैं। ऐसे में संभावना है कि वक्फ विधेयक पर हंगामा हो सकता है। इसके अलावा बैंकिंग नियम (संशोधन) विधेयक और रेलवे (संशोधन) विधेयक भी पेश किए जाएंगे, जिन्हें पिछले सत्र में लोकसभा में पेश किया गया था, लेकिन वे पारित नहीं हो सके थे। भारतीय विमान विधेयक राज्यसभा में पेश किया जाएगा, जिसे मानसून सत्र में लोकसभा ने मंजूरी दे दी है। कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल कई महत्वपूर्ण विधेयकों पर आपत्ति जता सकते हैं। ऐसे में संसद का शीतकालीन सत्र हंगामेदार रहने के आसार हैं।
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