AYODHYA. अयोध्या धाम में रामलला विराजमान हो चुके हैं। प्राण प्रतिष्ठा के साथ ही 22 जनवरी 2024 की तारीख इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गई। मंगलवार से मंदिर को आम लोगों के लिए भी खोल दिया गया। बालक राम की भव्य मूर्ति को निहारने और दर्शन के लिए प्रतिदिन लाखों भक्त अयोध्या पहुंच रहे हैं। पहले फेज का काम पूरा होते ही मंदिर भक्तों के लिए खोल दिया गया है। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच रामलला के दर्शन करने भक्त बड़ी संख्या के लिए पहुंच रहे हैं। दो दिन में करीब 7.5 लाख से ज्यादा लोग रामलला के दर्शन कर चुके हैं। इधर, रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अब राम मंदिर के दूसरे फेज का काम शुरू हो गया। वर्तमान में राम मंदिर का भूतल, प्रवेश द्वार और गर्भगृह बना है।
दूसरे फेस में 2000 करोड़ रुपए और लगने का अनुमान
मंदिर के डिजाइन एंड कंस्ट्रक्शन मैनेजर गिरीश सहस्त्रभोजनी और मंदिर निर्माण में लगी कंपनी L&T के प्रोजेक्ट डायरेक्टर विनोद मेहता ने मंदिर निर्माण ने अगले चरण में होने वाले कार्यों और प्रोजेक्ट के बजट को लेकर जानकारी देते हुए बताया कि पहले चरण में हुए निर्माण कार्य में 1800 करोड़ खर्च हुए है। दूसरे में 2000 करोड़ रुपए और लगने का अनुमान है। राम मंदिर में अभी सिर्फ एक फ्लोर तैयार है। इसी पर 1800 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं। गिरीश सहस्त्रभोजनी बताते हैं कि बचे काम में 2000 करोड़ रुपए की और जरूरत पड़ सकती है। अभी मुख्य शिखर, परकोटा, 5 छोटे शिखर, 13 मंदिर, ट्रस्ट के ऑफिस, VVIP वेटिंग एरिया, यात्री सुविधा केंद्र, म्यूजियम, लाइब्रेरी और शोध संस्थान समेत कई काम बाकी हैं। राम मंदिर के प्रथम तल पर राम दरबार होगा। वहीं द्वितीय तल पर एक भव्य परकोटा बनाए जाने की योजना है।
कई मंदिरों समेत यात्री सुविधा केंद्र का निर्माण बाकी
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के मेंबर कामेश्वर चौपाल ने बताया कि मुख्य मंदिर में अभी पहले और दूसरे फ्लोर का काम बाकी है। इसके अलावा परकोटे में देवी-देवताओं के 6 मंदिर सहित राम के जीवन से जुड़े शबरी, निषादराज सहित 7 पात्रों के मंदिर बनाए जाने बाकी हैं। पूरे परिसर यानी 70 एकड़ में अभी यात्री सुविधा केंद्र के साथ-साथ म्यूजियम और ग्रीन एरिया भी बनना बाकी है। फिलहाल, मंदिर के बाकी बचे मुख्य हिस्सों में परकोटा, सप्त ऋषि मंदिर और देवी-देवताओं के मंदिर शामिल हैं। फेज 2 में इन्हीं पर काम होना है।
आगे के निर्माण कार्यों को लेकर गिरीश सहस्त्रभोजनी ने आगे बताया कि अब मंदिर के दक्षिणी हिस्से का काम होना है। कैंपस के नॉर्थ एरिया का 95% काम पूरा हो गया है। मंदिर में अभी जो अट्रैक्टिव पॉइंट बनाए जाने हैं, उनमें रामायण के जुड़े 7 पात्रों और परकोटे के चारों ओर बनने वाले देवी-देवताओं के मंदिर हैं। इसका काम मई से नवंबर 2024 तक हो जाएगा। इसके अलावा परिसर में दो सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट में से पहला तैयार है। दूसरे का काम एक से दो महीने में खत्म हो जाएगा। मुख्य मंदिर के बाद पूरा परिसर दिसंबर, 2025 से पहले तैयार होने की उम्मीद है।
मंदिर परिसर में बनाए जाएंगे सिक्योरिटी चेक पॉइंट्स
भक्तों की भीड़ और कंस्ट्रक्शन वर्क में बदलाव को लेकर गिरीश कहते हैं पहले दिन ज्यादा भीड़ होने से व्यवस्था बिगड़ गई थी, इससे बचने के लिए यात्री चेक पॉइंट और पिलग्रिम फैसिलिटी एरिया जल्द एक्टिव करने की तैयारी है। सुरक्षा के नजरिए से देखें तो अभी मंदिर के 90% चेक पॉइंट बन चुके हैं। बाकी 10% 3 से 4 महीने में कम्प्लीट हो जाएंगे। राम मंदिर की सुरक्षा की जिम्मेदारी SIS लिमिटेड कंपनी के पास है। कंपनी ने मई 2022 में ही अपने सिक्योरिटी गार्ड मंदिर परिसर में तैनात कर दिए थे।
कंपनी के पास स्पेक्ट्रोमीटर वेवलेंथ डिटेक्शन, X-RAY मॉनिटरिंग, AI ड्रोन, बॉडी वियर कैमरा और CCTV यूनिट जैसे उपकरण हैं। मंदिर के सभी चेक पॉइंट्स बनने के बाद कंपनी के सिक्योरिटी गार्ड यहां तैनात होंगे। इनका काम मंदिर की सर्विलांस मॉनिटरिंग के साथ सामान की चेकिंग और मुख्य मंदिर की सुरक्षा रहेगा। वहीं भक्तों की भीड़ को कंट्रोल करने जिम्मेदारी यूपी पुलिस के पास रहेगी।