आप पतली, स्मार्ट और गोरी हैं, महिला को ऐसे मैसेज भेजना अश्लीलता: मुंबई की कोर्ट

मुंबई की सेशन कोर्ट ने एक व्यक्ति को महिला पार्षद के साथ वाट्सएप पर अपत्तिजनक संदेश भेजने के लिए सजा सुनाई। यह संदेश महिला की गरिमा का उल्लंघन करते थे। आरोपी पर यह मामला IPC और IT अधिनियम के तहत दर्ज हुआ।

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Raj Singh
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मुंबई की सेशन कोर्ट ने हाल ही में एक व्यक्ति के खिलाफ महिला पार्षद को भेजे गए अश्लील संदेशों के मामले में सजा बरकरार रखी। कोर्ट ने आरोपी के कृत्य को महिला की गरिमा का उल्लंघन मानते हुए उसे सजा सुनाई। यह मामला IPC की धारा 509 और IT अधिनियम की धारा 67, 67A के तहत दर्ज किया गया था।

मामला कैसे सामने आया

यह घटना 26 जनवरी 2016 की है, जब पीड़िता, जो बोरीवली क्षेत्र से नगरसेविका थीं, उन्हें आरोपी द्वारा वाट्सएप पर आपत्तिजनक संदेश मिले। संदेश में आरोपी ने महिला के व्यक्तित्व और शारीरिक रूप को लेकर टिप्पणियां की थीं। इसके बाद, जब महिला ने अपने पति को सूचित किया और आरोपी को कॉल करने की कोशिश की, तो आरोपी ने अपमानजनक तस्वीरों और संदेशों के जरिए अपनी प्रतिक्रिया दी।

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अश्लील कंटेंट की पहचान

अदालत ने माना कि आरोपी द्वारा भेजे गए संदेश और तस्वीरें निश्चित रूप से अश्लील थीं। यह संदेश महिला की प्रतिष्ठा और गरिमा के खिलाफ थे। अदालत ने कहा कि कोई भी महिला या उसका पति ऐसे संदेशों और तस्वीरों को सहन नहीं करेगा, खासकर तब, जब भेजने वाले का कोई व्यक्तिगत संबंध न हो। इसके अलावा कोर्ट ने कहा कि आप पतली हैं। आप बहुत स्मार्ट दिखती हैं। आप गोरी हैं, मैं आपको पसंद करता हूं, आप शादीशुदा हैं या नहीं? जैसे संदेश किसी अज्ञात महिला को व्हाट्सऐप पर भेजना, वह भी देर रात को, उसकी गरिमा का अपमान करने के बराबर है।

दलील और बचाव का पक्ष

वहीं आरोपी ने अपनी दलील में कहा कि उसने कभी ऐसे संदेश नहीं भेजे थे और यह राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता का परिणाम था। हालांकि, अदालत ने इस तर्क को नकारते हुए कहा कि कोई भी महिला अपनी गरिमा को दांव पर लगाकर झूठा मामला नहीं बना सकती। शिकायतकर्ता और उसके पति के बयान और सबूतों से यह साबित हुआ कि आरोपी ने ही वह संदेश भेजे थे।

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अंतिम फैसला और सजा

कोर्ट ने आरोपी के खिलाफ तीन महीने की साधारण कारावास और जुर्माने की सजा को बरकरार रखा। अदालत ने यह भी कहा कि आरोपी को इन संदेशों और तस्वीरों को भेजने के लिए कानूनी रूप से दंडित किया जाना चाहिए। अदालत ने मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अदालत के फैसले को चुनौती देने वाली अपील को भी खारिज कर दिया।

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