भारत में फिर बढ़ा कोविड संक्रमण: JN 1 वेरिएंट हो सकता है खतरनाक, जानिए लक्षण और बचाव के उपाय

चीन, सिंगापुर, थाईलैंड और हांगकांग के बाद अब भारत में भी कोविड-19 के मामले बढ़ रहे हैं। कोरोना का नया वेरिएंट JN 1 अब तेजी से पैर पसार रहा है।

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Abhilasha Saksena Chakraborty
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चीन, सिंगापुर, थाईलैंड और हांगकांग के बाद अब भारत में भी कोविड-19 के मामले बढ़ रहे हैं। नया वेरिएंट JN 1 चिंता का विषय बन चुका है। इसका प्रमुख कारण है कोरोना वायरस का नया सब-वेरिएंट JN.1 जो इस समय चिंता का विषय बन चुका है। 

भारत में कोविड के नए मामले

भारत में 19 मई तक कुल सक्रिय मामले 257 थे। महाराष्ट्र, केरल और तमिलनाडु में ज्यादा मामले हैं। अन्य राज्यों में भी सतर्कता बढ़ा दी गई है, जहां संभावित केसों की निगरानी की जा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि मौसम में बदलाव और इनडोर भीड़भाड़ वायरस के तेजी से फैलने में सहायक हो सकते हैं।

महाराष्ट्र: 21 मई तक 53 सक्रिय केस सामने आए हैं।

ओडिशा: करीब ढाई साल बाद कोविड का पहला मामला सामने आया है।

कोरोना (Corona) नया वेरिएंट JN 1

कोरोना का यह नया वेरिएंट ओमिक्रोन के BA 2.86 वंश का एक सब-वेरिएंट है, जिसकी खोज अगस्त 2023 में जॉन्स हॉपकिन्स मेडिसिन ने की थी। इसमें लगभग 30 म्यूटेशन हैं, जो इसे प्रतिरक्षा प्रणाली से बचने में मदद करते हैं। JN 1 वेरिएंट अपने सब-वेरिएंट्स LF7 और NB1.8 के साथ तेजी से संक्रमण फैलाने की क्षमता रखता है। हालांकि, अभी तक यह SARS-CoV-2 वेरिएंट के बीच प्रमुख नहीं बना है।
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JN.1 वेरिएंट के प्रमुख लक्षण

इस नए वेरिएंट के लक्षण पिछले ओमिक्रॉन संक्रमण जैसे ही हैं, लेकिन कुछ मामलों में बदलाव भी देखे गए हैं:

  • बुखार या कंपकंपी
  • खांसी और गले में खराश
  • बंद या बहती नाक
  • सिरदर्द और थकान
  • शरीर में दर्द
  • स्वाद और गंध की कमी (कम आम)
  • कभी-कभी मितली या दस्त
  • वैक्सीनेटेड लोगों में ये लक्षण हल्के हो सकते हैं, लेकिन बुजुर्गों और पहले से बीमार लोगों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।

तेजी से फैलने के कारण

इम्युनिटी से बच निकलने की क्षमता

कोरोना का नया वेरिएंट पहले के वैक्सीन या संक्रमण से बनी एंटीबॉडी को चकमा दे सकता है, जिससे यह दोबारा संक्रमण की संभावना को बढ़ाता है।

उच्च संक्रामकता

यह वेरिएंट बेहद तेजी से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक फैल सकता है।

मौसम का प्रभाव

गर्मी के मौसम में बंद और ठंडे कमरों में वायरस अधिक समय तक एक्टिव रह सकता है, जिससे इसका ट्रांसमिशन तेज हो जाता है।

कैसे करें बचाव

सार्वजनिक स्थानों पर मास्क ज़रूर पहनें
लक्षण महसूस होने पर घर पर रहें
बूस्टर डोज सहित समय पर वैक्सीन लें
बार-बार साबुन या सैनिटाइज़र से हाथ धोएं
संक्रमण की पुष्टि पर तुरंत अलग हो जाएं

सरकारी तैयारियां

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