NEW DELHI. कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सूरत की एक अदालत ने पिछले शुक्रवार को मानहानि केस में दो साल की सजा सुनाई थी। इसके बाद उनकी संसद सदस्यता रद्द कर दी गई थी। राहुल गांधी की संसद सदस्यता जाने को लेकर जर्मनी के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी किया था। मंत्रालय की प्रवक्ता ने कहा था कि वो राहुल के खिलाफ फैसले से वाकिफ हैं और उन्होंने इस मामले का संज्ञान लिया है। इसके बाद कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने जर्मन विदेश मंत्रालय का आभार जताया था। दिग्विजय के इस बयान के बाद मामला गरम हो गया।
रमेश ने कहा कि पार्टी खुद ही निपटने का प्रयास करेगी
.@INCIndia firmly believes that India's democratic processes themselves have to deal with the threats posed to our democracy by Mr. Modi's assault on our institutions & his politics of vendetta, intimidation, threats & harrasment. INC & Oppn parties will take him on fearlessly.
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) March 30, 2023
कांग्रेस और बीजेपी के नेताओं के बीच ट्विटर पर वाकयुद्ध शुरू हो गया। मामले को बढ़ता देख कांग्रेस ने इस पूरे मामले पर डैमेज कंट्रोल किया। जयराम रमेश ने ट्वीट कर कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की राजनीति डराने-धमकाने वाली है। इस कारण हमारे लोकतंत्र के सामने जो खतरे उत्पन्न हुए हैं, उससे कांग्रेस को खुद ही निपटना होगा। रमेश ने कहा कि भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं से पार्टी खुद ही निपटने का प्रयास करेगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और विपक्षी पार्टियां निडरता से उनका मुकाबला करेंगी।
दिग्विजय सिंह ने क्या कहा था?
जर्मन विदेश मंत्रालय के बयान का जवाब देते हुए दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर जर्मनी के विदेश मंत्रालय और डॉयचे वैले के चीफ इंटरनेशनल एडिटर रिचर्ड वाकर का शुक्रिया अदा किया था। उन्होंने कहा था कि किसी ने तो इस मामले का संज्ञान लिया। इस दौरान सिंह ने यह भी कहा कि भारत में लोकतंत्र से समझौता कर राहुल गांधी को परेशान किया जा रहा है।
दिग्विजय के बयान पर रिजिजू का पलटवार
Thank you Rahul Gandhi for inviting foreign powers for interference into India’s internal matters. Remember, Indian Judiciary can't be influenced by foreign interference. India won't tolerate 'foreign influence' anymore because our Prime Minister is:- Shri @narendramodi Ji ???????? pic.twitter.com/xHzGRzOYTz
— Kiren Rijiju (@KirenRijiju) March 30, 2023
वहीं, दिग्विजय सिंह के इस ट्वीट पर निशाना साधते हुए कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि हमारे आंतरिक मामलों में विदेशी ताकतों का इस्तेमाल करने करने के लिए राहुल गांधी का शुक्रिया। रिरिजू ने कहा कि भारतीय न्यायपालिका विदेशी ताकतों से प्रभावित नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व के भारत अब विदेशी ताकत को सहन नहीं करेगा।
अनुराग ठाकुर का भी कांग्रेस पर हमला
Disgrace to nation, @INCIndia & @RahulGandhi don't believe to fight India's democratic, political & legal battle within country, hence, invite foreign powers to interfere in our internal matter. But New India headed by @narendramodi Ji will not tolerate any foreign intervention. pic.twitter.com/qjL7dRX1JJ
— Anurag Thakur (@ianuragthakur) March 30, 2023
अनुराग ठाकुर ने भी कांग्रेस पर हमला बोला। ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस और राहुल गांधी भारत की न्यायपालिका में यकीन नहीं करते इसलिए विदेशी ताकतों से हमारे आंतरिक मामले में हस्तक्षेप की मांग कर रहे हैं। मगर ये नया भारत है। मोदी जी किसी विदेश दखल को स्वीकार नहीं करेंगे।
जर्मन विदेश मंत्रालय ने क्या कहा?
जर्मनी के विदेश मंत्रालय ने बताया कि राहुल गांधी की संसद सदस्यता जाने का उन्होंने संज्ञान लिया है। मंत्रालय की प्रवक्ता ने बताया उन्हें ये भी पता है कि राहुल गांधी सदस्यता रद्द किए जाने के फैसले को चुनौती दे सकते हैं। इसके बाद ही सबकुछ पता चलेगा। प्रवक्ता ने कहा कि जर्मनी को उम्मीद है कि राहुल गांधी के खिलाफ समान कानून लागू होंगे।