PRAYAGRAJ. एनकाउंटर में मारे गए माफिया डॉन अतीक अहमद के बेटे असद का अंतिम संस्कार शनिवार,15 अप्रैल को प्रयागराज में किया गया। असद को प्रयागराज के कसारी-मसारी कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया गया। अंतिम संस्कार में 25 से 30 लोग शामिल हुए। इस दौरान उसकी बुआ समेत परिवार के कुछ अन्य लोग मौजूद रहे। पुलिस की कड़ी सुरक्षा में उसको सुपुर्द-ए-खाक किया गया। इस दौरान ड्रोन से निगरानी की गई। कब्रिस्तान में कुछ दूर पहले ही मीडिया के एंट्री भी रोक दी गई।
देर रात सौंपे गए थे परिजन को शव
माफिया अतीक अहमद के बेटे असद और शूटर गुलाम के शव एनकाउंटर के दो दिन बाद प्रयागराज ले जाए गए और उनके परिजन को शुक्रवार, 14 अप्रैल की देर रात सौंप दिए गए थे। प्रयागराज के कसारी-मासरी इलाके में मौजूद कब्रिस्तान में अतीक के बेटे असद की कब्र खोदी गई थी। असद को उसके दादा-दादी की कब्र के पास ही दफनाया गया। दोनों का एनकाउंटर गुरुवार, 13 अप्रैल को झांसी के पास हुआ था।
प्रयागराज में सुपुर्द-ए-खाक
पोस्टमार्टम के 24 घंटे बाद रात करीब डेढ़ बजे झांसी से दोनों की बॉडी प्रयागराज के लिए रवाना किया गया था। दो वाहनों में असद और गुलाम की बॉडी को ले जाया गया। इस दौरान सुरक्षा के लिहाज से पुलिस की गाड़ियां भी शव वाहन के साथ थीं। असद अहमद और शूटर गुलाम के शव रिश्तेदारों को सौंपे गए थे। प्रयागराज में दोनों के शवों को सुपुर्द-ए-खाक किया गया। पुलिस का कहना है कानून व्यवस्था ना बिगड़े, इसलिए सुरक्षा व्यवस्था की गई है।
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मैंने कहा था सुधर जाओ, गुलाम नहीं माना- भाई राहिल
बताते हैं कि असद के साथ मारे गए शूटर मोहम्मद गुलाम को भी इसी कब्रिस्तान से दफनाया जाएगा। हालांकि गुलाम के परिजनों ने शव लेने से इनकार कर दिया है। गुलाम के भाई राहिल हसन और उसकी मां खुसनुदा ने कहा कि हम गुलाम का शव नहीं लेंगे। मां ने कहा कि मैंने उसके सामने हाथ जोड़े थे कि सुधर जाओ, लेकिन वो नहीं माना। मुझे उसका शव नहीं चाहिए। मोहम्मद गुलाम के भाई राहिल ने कहा कि हम लोग शव लेने नहीं जाएंगे। उसने बहुत ही गलत काम किया है। उस पर किसी तरह का कोई दबाव नहीं था। सब लोग अच्छे से काम कर रहे थे। पुलिस ने जो किया, वो सही किया है। अतीक से कब से जुड़ा था गुलाम? इस सवाल के जवाब में राहिल ने कहा कि 2007 में जब मर्डर हुआ था, उसमें जेल गया, उसी के बाद से अतीक से उसका कनेक्शन हो गया था।
अतीक ने लगाई थी बेटे के जनाजे में शामिल होने कोर्ट में अर्जी
असद के जनाजे में शामिल होने के लिए अतीक अहमद ने बतौर पिता शामिल होने के लिए अदालत में अर्जी लगाई। अर्जी पर शनिवार, 15 अप्रैल को सुनवाई होनी थी। अतीक का बेटा जहां दफनाया जा रहा है, वहां से अतीक अहमद सिर्फ 20 मिनट की दूरी पर है। अधिवक्ताओं ने बताया कि जब अतीक अहमद के पिता फिरोज अहमद की मृत्यु हुई थी उस समय भी अतीक अहमद जेल में बंद था और उसे पिता के जनाजे में शामिल होने के लिए अनुमति मिल गई थी और आज खुद के बेटे के जनाजे में शामिल होने के लिए अदालत से अनुमति मांग रहा था।
असद के जनाजे में शामिल नहीं हुई शाइस्ता
सूत्र बताते हैं कि प्रयागराज पुलिस के पास इनपुट था कि शाइस्ता अपने बेटे असद के जनाजे में शामिल हो सकती है। इसको लेकर टीमें अलर्ट थीं। फिलहाल, शाइस्ता परवीन फरार है और उसे पकड़ने के लिए कई टीमें गठित हैं। शाइस्ता पर 50 हजार का इनाम है। शाइस्ता के वेश बदलकर जनाजे में शामिल होने की संभावना जताई गई थी। उस पर नजर रखने के लिए महिला पुलिसकर्मियों को सादा वर्दी में तैनात करने की तैयारी थी। इसमें कुछ महिला पुलिसकर्मी नकाबपोश में भी थीं, जिन्हें शाइस्ता पर पैनी नजर रखनी थी। सूत्रों के मुताबिक पुलिस ने शाइस्ता के सामने शर्त रखी थी कि अगर वह असद के जनाजे में शामिल होना चाहती है तो हो सकती है, लेकिन उसे पुलिस के सामने सरेंडर करना होगा।