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Prayagraj. प्रयागराज में बीएसपी विधायक राजू पाल हत्याकांड के प्रमुख गवाह उमेश पाल ने खुद पर हुए जानलेवा हमले के बाद दम तोड़ दिया है। हमले के बाद उमेश को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जिसके बाद इलाज के दौरान उमेश पाल की मौत हो गई। इसी के साथ एक गनर की मौत की खबर भी सामने आई है, दरअसल उमेश पाल की सुरक्षा में दो पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे, जिसके बाद बदमाशों ने उमेश पाल और सुरक्षाकर्मियों पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। उन पर ही देसी बमों से भी हमला किया गया था।
इस हमले में घायल सभी लोगों को स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल में भेजा गया, जहां इलाज के दौरान उमेश पाल और एक गनर की मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि राजू पाल हत्याकांड के इकलौते गवाह उमेश पाल पर सुलेम सराय स्थित घर में घुसकर हमला किया गया है। वहीं दूसरी ओर ताबड़तोड़ फायरिंग और बम बाजी के बाद इलाके में सनसनी फैल गई है।
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राजू पाल हत्याकांड के प्रमुख गवाह की हत्या
बता दें कि प्रयागराज में बहुजन समाज पार्टी के तत्कालीन विधायक राजू पाल की 25 जनवरी 2005 को हत्या कर दी गई थी। जिसके बाद उनके कत्ल के मुख्य आरोपी पूर्व सांसद अतीक अहमद और उसके छोटे भाई पूर्व विधायक अशरफ को बनाया गया था। हालांकि उत्तरप्रदेश सरकार ने अतीक अहमद के खिलाफ कई बड़ी कार्रवाई की हैं। लेकिन इस मामले के बाद एक बार फिर अतीक अहमद पर कानून से खिलवाड़ के आरोप लगने लगे हैं। बीएसपी विधायक हत्याकांड में इकलौते गवाह उमेश पाल थे, जो बीएसपी के तत्कालीन विधायक राजू पाल की पत्नी पूजा पाल के करीबी रिश्तेदार थे।
बताया जाता है कि मुख्य गवाह बनने के बाद उमेश पाल को लगातार जान से मारने की धमकी मिल रही थी, जिसकी आशंका खुद राजू पाल की पत्नी पूजा पाल जता चुकी थी। साथ ही प्रमुख गवाह उमेश पाल ने भी धमकियों के बारे में जिक्र किया था और खुद को जान का खतरा बताया था। अब देखना यह है कि इस डबल मर्डर की वारदात के बाद योगी सरकार का बुलडोजर किस पर चलता है।