धीरेंद्र शास्त्री की कथा से लौटते ही एक ही परिवार के 7 लोगों ने कार में किया सुसाइड

पंडित धीरेंद्र शास्त्री की कथा से लौटकर एक परिवार के 7 लोगों ने जहर खा लिया। पूरे परिवार का शव गाड़ी के अंदर मिले। पुलिस को मौके से सुसाइड नोट भी मिला है।

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Rohit Sahu
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पंडित धीरेंद्र शास्त्री की कथा सुनकर लौट रहे एक परिवार के 7 लोगों ने आत्महत्या कर ली है। ये परिवार हरियाणा के पंचकूला सेक्टर-27 से का रहने वाला था। सभी सात लोगों ने खुद को कार में बंद कर जहर खा लिया। सभी के शव कार के भीतर मिले। परिवार पंचकुला में चल रही बागेश्वर धाम की हनुमंत कथा में शामिल हुआ था। यहां से लौटने के बाद आत्महत्या का कदम उठाया।

बंद कार में मिले शव, सड़क किनारे खड़ी थी गाड़ी

घटना रविवार देर रात की बताई जा रही है। सभी शव सेक्टर-27 के एक मकान के बाहर सड़क किनारे खड़ी कार के भीतर मिले। आसपास के लोगों की नजर जब तक कार पर पड़ी, तब तक सातों की सांसें थम चुकी थीं। कुछ लोगों ने देखा तो पुलिस को फोन किया। 

आत्महत्या से पहले छोड़ा सुसाइड नोट

पुलिस को मौके से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है। इस नोट में परिवार के इस कदम के पीछे आर्थिक हालात खराब होने की बात कही गई है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार परिवार कर्ज से परेशान था, जिसके कारण उन्होंने यह  कदम उठाया।

मरने वालों में माता-पिता, पत्नी और तीन मासूम शामिल

मृतकों में देहरादून निवासी प्रवीण मित्तल (42 वर्ष), उनके माता-पिता, पत्नी और तीन बच्चे (दो बेटियां व एक बेटा) शामिल हैं। पुलिस ने शवों को पंचकूला के निजी अस्पतालों के शवगृह में भिजवाया है। जहां सभी का पोस्टमार्टम किया जाएगा।

मौके पर डीसीपी, फोरेंसिक टीम जांच में जुटी

पंचकूला डीसीपी हिमाद्री कौशिक और डीसीपी लॉ एंड ऑर्डर अमित दहिया मौके पर पहुंचे। फोरेंसिक टीम ने गाड़ी से सबूत जुटाए। पुलिस आत्महत्या के पीछे के कारणों की गहराई से जांच कर रही है।

क्या बोले अधिकारी?

डीसीपी हिमाद्री कौशिक ने पुष्टि की कि सातों लोगों ने कार में जहर खाकर आत्महत्या की है। उन्होंने बताया कि यह परिवार उत्तराखंड के देहरादून का निवासी था और बागेश्वर धाम की कथा में भाग लेने पंचकूला आया था। प्रारंभिक जांच में भारी कर्ज को आत्महत्या का कारण माना जा रहा है।

बिजनेस में हुआ घाटा, कर्ज में था परिवार

पुलिस सूत्रों के अनुसार, प्रवीण मित्तल पिछले कुछ वर्षों से गंभीर आर्थिक तंगी से जूझ रहे थे। देहरादून में उन्होंने टूर एंड ट्रैवल्स का व्यवसाय शुरू किया था, लेकिन वह सफल नहीं हो पाया। व्यापार में लगातार नुकसान के चलते उन पर भारी कर्ज हो गया था। हालात इतने बिगड़ गए थे कि रोज़मर्रा के खर्चों को पूरा करना भी मुश्किल हो गया था। आर्थिक संकट ने पूरे परिवार को मानसिक रूप से बेहद परेशान कर दिया था।

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NOTE- अगर आपके या आपके किसी जानने वाले के मन में आत्महत्या का विचार आए तो यह एक गंभीर मानसिक स्वास्थ्य आपात स्थिति है। कृपया तुरंत भारत सरकार की हेल्पलाइन 'जीवनसाथी' 18002333330 या 'टेली-मानस' 1800914416 पर संपर्क करें। आपकी पहचान गोपनीय रखी जाएगी और विशेषज्ञ मदद करेंगे।

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