NEW DELHI. दिल्ली सरकार के मंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज समेत कई नेताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया हैं। दिल्ली में डीटीसी बस में मार्शलों की नियुक्ति को लेकर आम आदमी पार्टी के नेता मार्शल्स के साथ प्रदर्शन कर रहे थे। पूर्व बस मार्शल्स नौकरी वापस पाने के लिए उपराज्यपाल (lG) वीके सक्सेना के आवास के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे।
बस मार्शलों की बहाली की मांग को लेकर प्रदर्शन
आम आदमी पार्टी विधायकों और मंत्री ने गुरुवार को बस मार्शल को पक्की नौकरी दिए जाने के मामले में में उपराज्यपाल से मिलने का समय मांगा था। LG से समय नहीं मिल पाने के बाद सभी मार्शल्स, आप विधायक और मंत्री समेत कई नेता सिविल लाइन के चंदगीराम अखाड़े में धरना प्रदर्शन कर रहे थे। इस दौरान LG ऑफिस तक जाने और मांग को लेकर आम आदमी पार्टी ने बीजेपी विधायकों को भी साथ चलने को कहा था लेकिन बीजेपी विधायक नहीं पहुंचे।
प्रदर्शन को मिला AAP का समर्थन
दरअसल, बस मार्शल की सेवा खत्म किए जाने के मुद्दे पर उपराज्यपाल के आवास के पास चंदगीराम अखाड़े में धरना प्रदर्शन हो रहा था। एलजी के खिलाफ मार्शल्स के इस प्रदर्शन दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज, इमरान हुसैन, मुकेश अहलावत, दिलीप पांडेय और कुलदीप कुमार समेत कई आप विधायकों का समर्थन मिला। प्रदर्शन वाली जगह पर भीड़ बढ़ने के कारण पुलिस ने आम आदमी पार्टी के मंत्री समेत कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया। पुलिस का कहना है कि धरना प्रदर्शन के लिए अनुमति नहीं ली गई थी। हालांकि बाद में सभी को छोड़ दिया गया।
हम बस मार्शल साथ हैं...
दिल्ली सरकार के सौरभ भारद्वाज ने कहा कि बस मार्शल गरीब हैं, हम इनके साथ हैं। उन्हें साजिश के तहत हटाया गया है। मामले को सुलझाने में देरी को लेकर भारद्वाज ने कहा कि मार्शलों का राजनीतिक पार्टी के बीच फुटबॉल की तरह इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम प्रदर्शनकारियों के साथ एकजुटता के साथ हैं।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक आम आदमी पार्टी ने उपराज्यपाल ऑफिस पर उनके आग्रह को नजरअंदाज दिए जाने का आरोप लगाया है। मंत्री सौरभ भारद्वाज ने दावा किया कि उन्होंने इस संबंध में उपराज्यपाल को पत्र लिखा था लेकिन इस पर कोई जवाब नहीं आया।
विधानसभा में भी हुई थी नोंकझोक
हाल में हुए दो दिवसीय सत्र में दिल्ली विधानसभा में बस मार्शल की नौकरी खत्म किए जाने के मुद्दे पर आम आदमी पार्टी और विपक्ष के बीच जोरदार बहस हुई थी। इसके बाद दोनों ही पक्षों ने नौकरी को बहाल किए जाने के लिए प्रस्ताव का समर्थन किया था। विधानसभा में पारित प्रस्ताव के मुताबिक बस मार्शल की नौकरी बहाली के लिए दिल्ली के सभी विधायक (आप और बीजेपी दोनों) गुरुवार को सुबह 11 बजे उपराज्यपाल से मिलने वाले थे। लेकिन इस तरह की कोई बैठक नहीं हो पाई।
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