NEW DELHI. विधानसभा चुनावों से पहले दिल्ली का सियासी पारा चढ़ा हुआ है। आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी द्वारा उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना पर धार्मिक स्थानों को गिराने के आदेश देने का आरोप लगाने के बाद एलजी कार्यालय ने जवाब दिया है। जवाब में चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। एलजी ऑफिस ने दावा किया कि केजरीवाल सरकार ने 5 साल में 22 मंदिरों को गिराने की मंजूरी दी थी। हालांकि, एलजी ऑफिस ने इस आरोप का खंडन करते हुए इसे 'ओछी राजनीति' करार दिया है। अब इस दावों के बाद राजनीति में हलचल मच गई है।
केजरीवाल ने दिए मंदिरों को ढहाने के आदेश
दिल्ली के उपराज्यपाल (LG) सचिवालय ने चौंकाने वाला दावा किया है कि तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने खुद 8 फरवरी 2023 को दिल्ली के कई स्थानों के 9 मंदिरों को गिराने की सिफारिश की थी। धार्मिक समिति की सिफारिशों को अरविंद केजरीवाल और तत्कालीन गृह मंत्री मनीष सिसोदिया ने मंजूर किया था।
एलजी कार्यालय ने आरोपों का जवाब
एलजी कार्यालय के अनुसार, अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया द्वारा करावल नगर और न्यू उस्मानपुर क्षेत्रों में स्थित मंदिरों को गिराने का आदेश दिया गया था। धार्मिक समिति की सिफारिशों के आधार पर इन मंदिरों को ढहाने का फैसला किया गया था। इनमें करावल नगर क्षेत्र के 7 और न्यू उस्मानपुर के दो मंदिर शामिल थे। इसके अलावा, एलजी कार्यालय ने 2016 में तत्कालीन मंत्री सत्येंद्र जैन द्वारा 8 मंदिरों को गिराने की मंजूरी देने का भी जिक्र किया। एलजी सचिवालय ने कहा कि कोई मंदिर, मस्जिद, चर्च या कोई अन्य पूजा स्थल नहीं तोड़ा जा रहा है और ना ही इस संबंध में कोई फाइल आई है।
5 साल में 22 मंदिरों को गिराने के आदेश
एलजी कार्यालय ने कहा कि 2016 से 2023 तक कुल 24 धार्मिक ढांचे गिराने के आदेश दिए गए थे, जिनमें 22 मंदिर और 1 मुस्लिम धार्मिक स्थल शामिल थे। यह आदेश एक आवश्यक निर्माण कार्य, जैसे कि ग्रेड सेपरेटर की स्थापना, के लिए दिए गए थे, जो फिल्मिस्तान सिनेमाघर से DCM चौक तक था। इसके लिए भूमि का हस्तांतरण उत्तर रेलवे से एमसीडी को किया गया था। बयान में यह भी बताया गया है कि 17 जुलाई 2017 को सत्येंद्र जैन ने 2 अनजान मजारों के ढहाने की सिफारिशों को खारिज कर दिया था, सिफारिशों को धार्मिक भावनाओं और संवेदनाओं के आधार पर किया गया। जहां हर सप्ताह में केवल 5-10 लोग जाते हैं।
मुख्यमंत्री आतिशी के आरोप झूठे
एलजी सचिवालय ने सीएम आतिशी के आरोपों को सिरे से नकारते हुए कहा कि ये आरोप पूरी तरह से झूठे हैं। आरोपों को झूठा और भ्रामक बताया है। साथ ही आरोप लगाने वाले बयानों को वापस लेने की अपील की है। साथ ही कहा गया है कि ऐसे आरोप लगाने वालों को माफी मांगना चाहिए और सस्ती राजनीति करने से बचना चाहिए। बता दें कि दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने उपराज्यपाल पर धार्मिक स्थलों को गिराने का आदेश देने के गंभीर आरोप लगाए थे। साथ ही धार्मिक भावनाओं को आहत करने का भी आरोप लगाया था।
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