NEW DELHI. दिल्ली के जंतर-मंतर पर देश के कई पहलवान धरना दे रहे हैं। इन लोगों ने 24 अप्रैल (सोमवार) को सुप्रीम कोर्ट में भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर केस दर्ज की मांग वाली याचिका दायर की थी। इस पर सुप्रीम कोर्ट 25 अप्रैल को याचिका पर दिल्ली पुलिस और सरकार को नोटिस जारी किया है। रेसलर विनेश फोगाट समेत 7 महिला पहलवानों ने पिटीशन दायर की थी। इसमें बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए एफआईआर की मांग की गई थी।
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और पीएस नरसिम्हन की बेंच ने मामले की सुनवाई की। बेंच ने इसे गंभीर मामला बताते हुए दिल्ली पुलिस और दिल्ली सरकार से एफआईआर दर्ज करने की खिलाड़ियों की मांग पर जवाब मांगा है। सुप्रीम कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई अब 28 अप्रैल को होगी।
SC ने महिला पहलवानों के नाम हटाने के लिए कहा
सुप्रीम कोर्ट ने 7 महिला शिकायतकर्ताओं के नाम ज्यूडिशियल रिकॉर्ड से हटाने के लिए कहा, ताकि इनकी पहचान सामने ना आए। पहलवानों के वकील नरेंद्र हुड्डा ने कहा, 'हमने आरोपी बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश मांगे। गंभीर आरोपों के बावजूद भी दिल्ली पुलिस इस केस में कोई FIR नहीं कर रही थी।
#WATCH | We asked for directions for FIR to be filed against accused Brij Bhushan Sharan Singh. Despite serious allegations of harassment, Delhi Police wasn't filing the complaint. SC found the matter serious & issued notices to Delhi govt & Delhi Police: Wrestler's advocate pic.twitter.com/Kb7DXOr1cz
— ANI (@ANI) April 25, 2023
इससे पहले क्या हुआ था?
इस साल जनवरी में भी पहलवानों ने जंतर-मंतर पर धरना दिया था। खेल मंत्रालय ने 23 जनवरी को बॉक्सर एमसी मैरी कॉम की अध्यक्षता में 5 सदस्यीय निगरानी समिति का गठन किया था और एक महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा था। बाद में, रिपोर्ट सौंपने की समय सीमा दो हफ्ते बढ़ा दी गई और प्रदर्शनकारी पहलवानों की अपील पर पूर्व रेसलर बबीता फोगाट को जांच पैनल में छठे सदस्य के रूप में शामिल किया गया। समिति ने अप्रैल के पहले हफ्ते में रिपोर्ट दे दी, लेकिन मंत्रालय ने अभी तक किसी नतीजे को सार्वजनिक नहीं किया है। हालांकि, सूत्रों ने कहा कि पहलवान कई सुनवाई के बाद कुश्ती महासंघ प्रमुख बृजभूषण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों को साबित नहीं कर सके।
पहलवानों ने दी थी पुलिस के पास जाने की धमकी
पहलवानों ने पहले कहा था कि वे कानूनी रास्ता नहीं अपनाना चाहते, क्योंकि उन्हें प्रधानमंत्री पर भरोसा है। पहलवानों चेतावनी दी थी कि अगर सरकार ने कार्रवाई नहीं की तो वे पुलिस के पास जाएंगे। उन्होंने ये भी कहा कि वे ओलंपियन बबीता फोगाट (बीजेपी विधायक और हरियाणा सरकार का हिस्सा) की मध्यस्थता से खेल मंत्रालय में बातचीत से संतुष्ट नहीं हैं। खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी इस मुद्दे पर पहलवानों से मुलाकात की थी और आरोपों को गंभीर बताया था।