DELHI. लिव-इन रिलेशनशिप के रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था बनाने और उसे अनिवार्य रूप से लागू करने की मांग सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से की गई है। याचिका में श्रद्धा वॉलकर और निक्की यादव हत्याकांड का हवाला दिया गया है।
याचिका में ऐसे लोगों की संख्या की जानकारी जुटाने की भी मांग की
याचिका में कह गया है कि गोपनीय तरीके से चल रहे ऐसे संबंध लगातार जघन्य अपराध की वजह बन रहे हैं. लिव इन पार्टनर्स की सुरक्षा के लिए उनके संबंध की जानकारी पुलिस के पास होना जरूरी है। सुप्रीम कोर्ट की वकील ममता रानी की याचिका में लिव इन में रह रहे लोगों की संख्या की जानकारी जुटाने की भी मांग की गई है।
केंद्र सरकार को निर्देश देने की कही बात
याचिका में कहा गया है कि कोर्ट केंद्र सरकार को इसका निर्देश दे। याचिकाकर्ता की दलील है कि इस संख्या की जानकारी भी तभी मिल सकेगी जब लिव इन रिलेशन का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किया जाएगा। याचिकाकर्ता ने श्रद्धा और निक्की हत्याकांड जैसे कई मामलों का हवाला दिया है।
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ऐसे संबंधों के रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था नहीं है
याचिका में यह भी कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने कई आदेशों में खतरे का सामना कर रहे लिव इन रिलेशन में रह रहे लोगों को सुरक्षा दी है। इस तरह के संबंधों को मौलिक अधिकारों के दायरे में माना है, लेकिन अभी ऐसे संबंधों के रजिस्ट्रेशन की कोई व्यवस्था नहीं है।
श्रद्धा की हत्या कर किए थे आफताब ने कई टुकड़े
दरअसल बीते दिनों श्रद्धा और निक्की हत्याकांड मामले सामने आए थे। श्रद्धा हत्याकांड मामले में आफताब ने लिव-इन पार्टनर श्रद्धा की हत्या कर शव को कई टुकड़े कर दिए थे और जंगल में एक-एक कर फेंक दिए थे। वहीं, निक्की हत्याकांड मामले में आरोपी साहिल ने अपनी पार्टनर निक्की की हत्या कर फ्रिज में शव को रख दिया था। साहिल का इरादा भी शव के टुकड़े करने का था। श्रद्धा हत्याकांड का आरोपी आफताब और निक्की हत्याकांड का आरोपी साहिल दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है। दोनों के खिलाफ कार्रवाई चल रही है।