विधानसभा सत्र में कभी देवेंद्र फडणवीस बोले थे 'समंदर हूं लौटकर आऊंगा'

देवेंद्र फडणवीस ने संघर्ष और मेहनत से महाराष्ट्र की राजनीति में अपना अहम स्थान बनाया हैं। सीएम पद तक का उनका सफर प्रेरणादायक रहा है। अपनी मेहनत और राजनीतिक समझ से उन्होंने बीजेपी को राज्य में मजबूत किया।

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Sandeep Kumar
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महाराष्ट्र के सियासत में देवेंद्र फडणवीस की यात्रा एक प्रेरणा है। अपनी मेहनत और राजनीतिक समझ से उन्होंने बीजेपी को राज्य में मजबूत किया और कई उतार-चढ़ाव के बावजूद मुख्यमंत्री के पद तक पहुंचे। यहां जानिए फडणवीस की जिंदगी के संघर्ष और सफलता की कहानी।

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2019 में शायराना अंदाज

2019 में देवेंद्र फडणवीस ने अजित पवार के साथ शपथ ली थी, लेकिन चंद घंटों के भीतर ही सत्ता चली गई और उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। उस समय विधानसभा सत्र में देवेंद्र फडणवीस ने शायराना अंदाज में कहा था, "मेरा पानी उतरता देख, मेरे किनारे पर घर मत बसा लेना, मैं समंदर हूं, लौटकर वापस आऊंगा।" यह वादा पांच साल बाद पूरा हुआ जब उन्होंने सीएम की कुर्सी वापस पाई।

बीजेपी की महायुति और सियासी समझ

बीजेपी को लोकसभा चुनाव में राज्य में हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन देवेंद्र फडणवीस ने महायुति को एकजुट किया और विधानसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन किया। महाविकास अघाड़ी की उम्मीदों को चकनाचूर करते हुए, उन्होंने बीजेपी को फिर से राज्य की राजनीति में मजबूती से खड़ा किया।

सियासत में कदम और शुरुआती सफलता

फडणवीस का जन्म एक राजनीतिक परिवार में हुआ था। उन्होंने 1992 में नगर निगम चुनाव जीतकर राजनीति में कदम रखा और 22 साल की उम्र में सबसे युवा पार्षद बने। इसके बाद 1997 में नागपुर के सबसे युवा मेयर बने। इसके बाद से उनका सियासी सफर कभी पीछे नहीं मुड़ा और वे राज्य के मुख्यमंत्री बने।

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मुख्यमंत्री से उपमुख्यमंत्री तक का सफर

2014 में पहली बार मुख्यमंत्री बनने के बाद, फडणवीस ने पूरे पांच साल सरकार चलाई। फिर 2022 में जब उन्हें उपमुख्यमंत्री बनने का प्रस्ताव मिला, तो उन्होंने इसे बिना किसी हिचकिचाहट के स्वीकार किया। यह साबित करता है कि वे पार्टी और राज्य के हित में किसी भी पद को स्वीकार करने को तैयार रहते हैं।

टीम को साथ लेकर चलने वाले नेता

फडणवीस की सबसे बड़ी खासियत यह है कि वे अपने कार्यकर्ताओं से हमेशा जुड़े रहते हैं। वे भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ व्यक्तिगत रूप से संवाद करते हैं और उन्हें उनके नाम से पहचानते हैं। उनका यह तरीका उन्हें अपने पार्टी के लिए सबसे प्रभावी नेता बनाता है।

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